संपादक की कलम @
आज जिस तरह सच्चा सौदा के अनुयायी ने जो हिंसा का परिचय दिया उसका सारे देश की जनता निषेध करते है । जनता को यह संदेश जाता है,पत्थर बाज क्या केवल कश्मीर में ही रहते है क्या ? हरियाणा में भी रहते है, सवाल खड़ा होता है।
आज जो भी CBI कोर्ट ने जो इंसाफ उस महिला के हक्क में दिया,वह अपने आप मे इतिहासिक है ।
कौन ऐसा संत है ,जो इस तरह अपनी जीवन शैली पर ख़ुद फीचर बनाता है । उस फिल्ममें वह हीरो भी बनता है ।
सच्चा सौदा के अनुयायी को पता नही धर्म के मार्ग पर हिंसा की कोई जगह नही होती।
नाक़ाम हमारे नेता गन है, वोट बैंक के नाम पर इस तरह के संत को तैयार करते है। आज उसकी क़ीमत जनता को ही चुकानी पड़ रही है।
क्या सत्संगी को हिंसा का मतलब नही पता ?
करोड़ो रूपये की जनता की सार्वजनिक मालमत्ता को नुक़सान भी किया। पागलपन की भी हद होती है।
भारत की क़ानून पर उनके मन भी कोई सम्मान नही है?इसका आज की हिंसा होने पर पता चलता है।
सार्वजनिक नुकसान भरपाई का जिम्मेदार यह हरियाणे के नेतागण भी उतने ही कसूरवार है। नुक़सान भरपाई वसूल इन से भी किया जाये।
संपादक
VR Chavan
आज जिस तरह सच्चा सौदा के अनुयायी ने जो हिंसा का परिचय दिया उसका सारे देश की जनता निषेध करते है । जनता को यह संदेश जाता है,पत्थर बाज क्या केवल कश्मीर में ही रहते है क्या ? हरियाणा में भी रहते है, सवाल खड़ा होता है।
आज जो भी CBI कोर्ट ने जो इंसाफ उस महिला के हक्क में दिया,वह अपने आप मे इतिहासिक है ।
कौन ऐसा संत है ,जो इस तरह अपनी जीवन शैली पर ख़ुद फीचर बनाता है । उस फिल्ममें वह हीरो भी बनता है ।
सच्चा सौदा के अनुयायी को पता नही धर्म के मार्ग पर हिंसा की कोई जगह नही होती।
नाक़ाम हमारे नेता गन है, वोट बैंक के नाम पर इस तरह के संत को तैयार करते है। आज उसकी क़ीमत जनता को ही चुकानी पड़ रही है।
क्या सत्संगी को हिंसा का मतलब नही पता ?
करोड़ो रूपये की जनता की सार्वजनिक मालमत्ता को नुक़सान भी किया। पागलपन की भी हद होती है।
भारत की क़ानून पर उनके मन भी कोई सम्मान नही है?इसका आज की हिंसा होने पर पता चलता है।
सार्वजनिक नुकसान भरपाई का जिम्मेदार यह हरियाणे के नेतागण भी उतने ही कसूरवार है। नुक़सान भरपाई वसूल इन से भी किया जाये।
संपादक
VR Chavan
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