सर डॉ युवराज बाबूलाल आड़े बंजारा समाज के लिये वह नाम है ,जिसे ख़ुद की पहचान बतानी की जरूरत नही है। मैं खुद जब सन 2000 को उनसे मिला था ।उनके ऑफिस नायगांव पोलिस दवाखाना मैं, तब मैं बंजारा 2000 न्यूज़ का संपादक था ।
उन दिनों हमारे पास मोबाईल नही होवा करता था।केवल लेड लाइन से ही फ़ोन हुवा करता था। जब मेरा परिचय कराया गया उनसे तब डॉ. आड़े सर ने मुझे थोड़ा भी ऐसास नही होने दिया की मैं उनसे कम उम्र का हू।उतना ही मान सम्मान दिया जीतना की मैं उसके क़ाबिल हु।
सर ने मुझे मेरी सब पहले पत्रकारीता मैं मेरा पहिला मुलाकात उस समय के मुख्यमंत्री स्व.मा.विलासराव देशमुख से कराई थी ,जब महाराष्ट्र के सारे बंजारा समाज के समस्या को मुख्यमंत्री के सामने रखना था।
सर के वज़ह से मुझे वहा अपनी पहचान बतानी की जरूरत ही नही पड़ी ।
मैंने बंजारा समाज के तरफ़ से उस वक्क्त मुख्यमंत्री जी से भरी सभा मे बंजारा समाज के सारी समस्या पर सवाल भी किया था।
उस समय 25 लाख रुपये मुख्यमंत्री फंड से पोवरादेवी मंदिर के लिये नये सड़क बनने की राशी भी पास करवाई थी। मैं बड़ी ही ईमानदारी से बंजारा समाज को बताना चाहता हूं।अगर उस समय मुझे डॉ .आड़े सर उस मीटिंग की जानकारी नही देते, तो शायद यह मौका भी मेरे हाथ से निकल जाता । क्योंकि में उस समय बंजारा समाज के लिये एकदम अजनबी चेहरा था ।
सर के साथ मेने 2003 तक काम किया था। उनके अंदर एक ख़ास बात यह है,की बंजारा समाज को आगे किस तरह विकास किया जा सकता है।उस पर उन्हें हमेशा सक्रिय मैने देखा है।उनके अंदर यह बहुत बड़ा गुण है।
मैं आज जो भी हु इसका सारा श्रेय डॉ. आड़े सर को जाता है।
संपादक
VR. Chavan
Mumbai Crime Page News
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