भोपाल। आयकर विभाग के निशाने पर है मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ के 19 हजार बैंक खाते। विभाग के सामने इन खातों में लाखों-करोड़ों के लेनदेन होने की बात सामने आई है। जिसकी छानबीन आयकर विभाग कर रहा है। इसके लिये विभाग व्यापक स्तर पर स्वच्छ धन अभियान चलाएगा। नोटबंदी बाद दोनों राज्यों में यह सबसे बड़ा अभियान होगा। इसके साथ ही विभाग द्वारा टैक्स वसूली अभियान एवं करदाता विस्तार योजना भी शुरू की जाएगी। नोटबंदी और जीएसटी से दोनों राज्यों में 20 फीसदी करदाता बढ़ गए हैं। इससे पहले यह पायलेट अभियान के रूप मंे मध्यप्रदेश के इंदौर में स्वच्छ धन अभियान शुरू किया गया था, जिसके अच्छे नतीजे सामने आए।
अब तक लगभग 19 हजार बैंक खाते चिन्हित हुए हैं। इनकी छानबीन चल रही है। 20 फीसदी करदाताओं की वृद्धि के बावजूद वह बोले कि दोनों राज्यों अभी काफी गुंजाइश है। कर सीमा के दायरे में आने वाले लोगों से उन्होंने आगे आकर विभाग में रिटर्न दाखिल करने का आग्रह किया।
अब तक लगभग 19 हजार बैंक खाते चिन्हित हुए हैं। इनकी छानबीन चल रही है। 20 फीसदी करदाताओं की वृद्धि के बावजूद वह बोले कि दोनों राज्यों अभी काफी गुंजाइश है। कर सीमा के दायरे में आने वाले लोगों से उन्होंने आगे आकर विभाग में रिटर्न दाखिल करने का आग्रह किया।
क्या होगा एक्शन प्लान
दोनों राज्यों के लिए 25 सूत्रीय एक्शन प्लान भी बनाया है। वह दिन दूर नहीं जब अपने मोबाइल से ही टैक्स संबंधी औपचारिकताएं पूरी हो जाएंगी। पुराने अपील और डिमांड के मामलों का तुरंत निपटारा किया जा रहा है। टैक्स चोरी के मामलों पर चर्चा होते ही वह बोले कि जो लोग सुधरना नहीं चाहते, उनके खिलाफ विभाग अदालत में प्रकरण भी दर्ज कराएगा। कालाधन स्वीकारो योजना में जिन लोगों ने तयशुदा टैक्स दे दिया है, विभाग उनके यहां 2016 अधिनियम के तहत छानबीन नहीं करेगा। इस योजना से हजारों करोड़ रुपए कालाधन चलन में आ गया
दोनों राज्यों के लिए 25 सूत्रीय एक्शन प्लान भी बनाया है। वह दिन दूर नहीं जब अपने मोबाइल से ही टैक्स संबंधी औपचारिकताएं पूरी हो जाएंगी। पुराने अपील और डिमांड के मामलों का तुरंत निपटारा किया जा रहा है। टैक्स चोरी के मामलों पर चर्चा होते ही वह बोले कि जो लोग सुधरना नहीं चाहते, उनके खिलाफ विभाग अदालत में प्रकरण भी दर्ज कराएगा। कालाधन स्वीकारो योजना में जिन लोगों ने तयशुदा टैक्स दे दिया है, विभाग उनके यहां 2016 अधिनियम के तहत छानबीन नहीं करेगा। इस योजना से हजारों करोड़ रुपए कालाधन चलन में आ गया
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