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आज तक का सबसे बड़ा खुलासा RTI Act से ठाणे कमिश्नर के पास केवल दिन में 2 से 3 ही शिकायत आती है !

To,                           Press Notes

मंत्रालय

पत्ता :   मंत्रालय, मादाम कामा रोड, हूतात्मा राजगुरु चौक, नरीमन पॉईंट, मुंबई 400032.


विषय -RTI Act से आज तक का सब से बड़ा खुलासा, ठाणे पुलिस कमिश्नर के पास एक दिन में केवल 2 से 3 ही जनता के लिखित में शिकायत पत्र आते है !


मा. महाराष्ट्र मुख्यमंत्री.

आज जिस तरह से महाराष्ट्र में अपराध की सख्या दिन बे दिन बड़ रही है। उस नज़र से ठाणे पुलिस कमिश्नर कार्यलय से मिली RTI इन्फॉर्मेशन से पूरे महाराष्ट्र में यह इन्फॉर्मेशन बहुत सारे बातों की तरफ इशारा करती है।
जिस तरह आज महाराष्ट्र के पुलिस अधिकारी के जनता के प्रति शिकायत को लेकर  पुलिस स्टेशन में व्यवहार है। सभी जनता भलीभांति जानते है। एक शिकायत करने के लिए जनता को पुलिस अधिकारी के सामने किस तरह नाक घीस ने पड़ते है।यह बताने की हमें जरूरत ही नही है।
मा. सुप्रीम कोर्ट ने जो आदेश दिये थे हर एक पुलिस स्टेशन के लिए की शिकायत कर्ता को यह अधिकार है,की उसकी शिकायत पर तुरंत NC या  FIR में दर्ज किया जाय।लेकिन यह केस सिविल है,या हम कोर्ट के आदेश के बिना शिकायत ले नही सकते या यह केस कोर्ट में चल रहा है,इसलिए हम कुछ नही कर सकते है।इस तरह न जाने कितने रिजन बताकर पुलिस अधिकारी शिकायत कर्ता को पुलिस स्टेशन से भगा देते है।इसका एक ताज़ा उदाहरण सांगली में एक शिकायत कर्ता ने पुलिस के रविये से तंग आकर सुसाइड कर लिया।क्योंकि उसकी शिकायत वहाँ के अधिकारियों ले ही नहीं रहे थे।
जब 2015 को महाराष्ट्र के गृहविभाग से एक GR आया था की कोई भी शिकायत पत्र जो पहले Sr. Pi नाम पर देना होता था।लेकिन बहुत सारे केस में सरकार को पता चला की नीचे तल पर शिकायत कर्ता के शिकायत पर अधिकारी काम नही करते थे।इस वजह से नये GR के मुताबिक शिकायत कर्ता को अपनी शिकायत कमिश्नर लेवल पर करनी पड़ेगी यह नियम बना दिया है।लेकिन RTI के इन्फॉर्मेशन को हम गौर से देखेंगे तो पता चलता है,की कमिश्नर के पास एक दिन में एवरेज के हिसाब से 2 से 3 ही पत्र आते है।
अगर आप दीवानी कोर्ट ठाणे, दीवानी कोर्ट कल्याण में रोज जिस तरह से अपराधी को पकड़ पकड़ कर लाते है,उसे पता चलता है,की किस तरह कोर्ट हमेशा से भरा रहता है।
जब हमारी मीडिया ने इस बड़े न्यूज़ कवरेज पर काम करना सुरु किया तो हमें पता चला की ठाणे कमिश्नर के कार्यलय में एक विभाग होता है,जिसे हम आवक जावक भी कहते है।इस विभाग का काम है,की शिकायत कर्ता की शिकायत पत्र को स्वीकार करना।पत्र को रिसीव कर के एक प्रति उन्हें वापस देना।लेकिन जब शिकायत कर्ता पत्र देता है।उस समय आवक जावक विभाग के अधिकारी उस पत्र पर कम्लेंट नंबर नही लिखते है।जो कि हर एक सरकारी विभाग को उस शिकायत पत्र पर एक आवक जावक नंबर लिखना चाहिये।ताकि उसका सही संख्या का पता चले।लेकिन जब हमनें उस पर अधिकारियों से पूछा की आप लोग क्यू नही उसी समय शिकायत कर्ता को कम्प्लेंट नंबर पत्र पर डाल कर देते हो।उस पर वह अधिकारी बोलने लगा अगर आप को कप्लेट नंबर चाहिये तो दूसरे दिन आकर ले सकते है।लेकिन यह बात कितने लोगो को पता है।क्या कोई कमिश्नर के कार्यलय के बाहर लिखा है,की अगर आप को कप्लेट नंबर चाहिये तो 2 दिन के बाद आकर ले सकते है।
हमारे सर्वे पता चला है,बहुत सारे शिकायत पत्र को ऑन रिकॉर्ड यह अधिकारी लेते ही नही है।और इस पत्र का कोई भी कार्यलय में रिकॉर्ड रहता ही नही है।जनता को यह पुलिस अधिकारी सीधा सीधा मिसगाइड कर के उनकी शिकायत को दबाया जा रहा है।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री जी को हमारे इस RTI इन्फॉर्मेशन न्यूज़ पर खुद से ही एक्शन लेना चाहिये।उन सब अधिकारी पर FIR दर्ज कर के उन्हें उचित दंड देना चाहिये।ताकि जनता में एक अच्छी सरकार होना का एक बहुत बड़ा संदेश जाना चाहिये।यही हमारी मीडिया और जनता की अपेक्षा है आप से। आगे आपकी मर्जी।
VR.Chavan
Editor of
Mumbai Crime Page
9702269504

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