भोपाल। मध्यप्रदेश में सागर जिले के सीएमओ डॉ0 देवेंद्र तिवारी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि राज्य में डॉक्टरों के ट्रांसफर-पोस्टिंग का खेल चल रहा हैं। यह एक बड़ा घोटाला है। डॉ0 तिवारी ने कहा कि इसके एवज में डॉक्टरों से लाखों रुपये वसूले जाते हैं। उन्होंने खुद दो मंत्रियों को रिश्वत देने का दावा किया है। डॉक्टर तिवारी के माने तो उन्होंने राज्य के लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री रुस्तम सिंह और जल संसाधान एवं जन संपर्क मंत्री नरोत्तम मिश्रा को कुल 75,000 रुपये अपने ट्रांसफर के लिए दिये थे। यह सब उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा।
डॉ. तिवारी ने आरोप लगाया कि राज्यभर के डॉक्टर ट्रांसफर-पोस्टिंग के खेल से परेशान हैं। उनसे पांच-पांच लाख रुपये लिए जा रहे हैं मगर कोई भी इस करप्ट सिस्टम के खिलाफ नहीं बोल पा रहा है। डॉ0देवेन्द्र तिवारी ने कहा कि राज्य के लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री रुस्तम सिंह और जल संसाधान एवं जन संपर्क मंत्री नरोत्तम मिश्रा इन दोनों मंत्रियों ने अपने-अपने पीए के जरिए पैसे लिए। उन्होंने कहा कि नरोत्तम मिश्रा के पीए को 50,000 और रुस्तम सिंह के पीए को 25,000 रुपये दिए ताकि उनका ट्रांसफर भोपाल हो सके मगर ऐसा नहीं हुआ। अब ट्रांसफर नहीं होने से नाराज देवेन्द्र तिवारी ने सागर के सीएमओ पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने कहा कि उनके माता-पिता को कैंसर है। ऐसे में उनकी देखभाल करने वाला कोई नहीं है। इसलिए वो सागर से भोपाल तबादला चाहते थे। इस चक्कर में उन्होंने मंत्रियों के यहां चक्कर काटना शुरू किया मगर पैसे गंवाकर भी उनका काम नहीं हुआ। इससे तंग आकर उन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया और अब अपने माता-पिता की सेवा में लग गए हैं। डॉ. तिवारी ने आरोप लगाया कि राज्यभर के डॉक्टर ट्रांसफर-पोस्टिंग के खेल से परेशान हैं। मगर कोई भी इस करप्ट सिस्टम के खिलाफ नहीं बोल पा रहा है। उन्हें डर है कि अगर मुंह खोलेंगे तो नेता और आईएएस अफसरों की लॉबी उनकी जान ले सकती है।
डॉ. तिवारी ने आरोप लगाया कि राज्यभर के डॉक्टर ट्रांसफर-पोस्टिंग के खेल से परेशान हैं। उनसे पांच-पांच लाख रुपये लिए जा रहे हैं मगर कोई भी इस करप्ट सिस्टम के खिलाफ नहीं बोल पा रहा है। डॉ0देवेन्द्र तिवारी ने कहा कि राज्य के लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री रुस्तम सिंह और जल संसाधान एवं जन संपर्क मंत्री नरोत्तम मिश्रा इन दोनों मंत्रियों ने अपने-अपने पीए के जरिए पैसे लिए। उन्होंने कहा कि नरोत्तम मिश्रा के पीए को 50,000 और रुस्तम सिंह के पीए को 25,000 रुपये दिए ताकि उनका ट्रांसफर भोपाल हो सके मगर ऐसा नहीं हुआ। अब ट्रांसफर नहीं होने से नाराज देवेन्द्र तिवारी ने सागर के सीएमओ पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने कहा कि उनके माता-पिता को कैंसर है। ऐसे में उनकी देखभाल करने वाला कोई नहीं है। इसलिए वो सागर से भोपाल तबादला चाहते थे। इस चक्कर में उन्होंने मंत्रियों के यहां चक्कर काटना शुरू किया मगर पैसे गंवाकर भी उनका काम नहीं हुआ। इससे तंग आकर उन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया और अब अपने माता-पिता की सेवा में लग गए हैं। डॉ. तिवारी ने आरोप लगाया कि राज्यभर के डॉक्टर ट्रांसफर-पोस्टिंग के खेल से परेशान हैं। मगर कोई भी इस करप्ट सिस्टम के खिलाफ नहीं बोल पा रहा है। उन्हें डर है कि अगर मुंह खोलेंगे तो नेता और आईएएस अफसरों की लॉबी उनकी जान ले सकती है।
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