*#संयोग तो देखिए *
रामानंद सागर द्वारा निर्मित/निर्देशित रामायण धारावहिक में जिस अभिनेत्री ने सूर्पनखा का चरित्र निभाया था... उसका नाम भी *#रेणुका चौधरी* ही था....
नरेंद्र दामोदरदास मोदी को जो 118 गुण महामानव बनाते है उनमे एक सबसे बड़ा गुण यह है कि वे शब्दों के मात्र एक वाक्य से ही किसी भी राजनैतिक विरोधी का पूरा करियर ही चोपट कर देते हैं,
अधिकाँश लोगों को याद होगा जब सोनिया गांधी ने मोदी जी को मौत का सौदागर कहा था तब एक पत्रकार को उन्होंने एक वाक्य बोला था कि सोनिया जी की हिन्दी अच्छी नहीं हैं उन्होंने उन्हें मौत का नहीं
"मत का सौदागर"
बोला था आप लोग समझ नहीं पाए और इसके बाद की कहानी सभी को पता है सोनिया जी नर मादा करते करते राजनीति के हाशिये पर चली गयी...
केशू भाई पटेल, वाघेला, संजय जोशी से लेकर ना जाने कितने राजनितिज्ञ इस शब्दवीर अर्जुन नरेंद्र मोदी के तुणीर में रखे शब्द बाणों से खेत रहे और उन्हें अपने राजनैतिक निधन का एहसास तक ना हुआ...
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*उन्होंने रेणुका चौधरी की दशकों पुरानी, लाइलाज, नामालूम बीमारी का चन्द सेकण्ड्स में ऐसा इलाज कर दिया है कि अब मुझे नहीं लगता कि इस जन्म में, ठहाकों के ऐसे परनाले कभी उनके मुँह से छूटेंगे,*
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वो महिला अब अकेली होगी तब भी अट्टहास करने से डरेगी..
*शायद वो उस दिन आखिरी बार हंसी थी.....*
रामानंद सागर द्वारा निर्मित/निर्देशित रामायण धारावहिक में जिस अभिनेत्री ने सूर्पनखा का चरित्र निभाया था... उसका नाम भी *#रेणुका चौधरी* ही था....
नरेंद्र दामोदरदास मोदी को जो 118 गुण महामानव बनाते है उनमे एक सबसे बड़ा गुण यह है कि वे शब्दों के मात्र एक वाक्य से ही किसी भी राजनैतिक विरोधी का पूरा करियर ही चोपट कर देते हैं,
अधिकाँश लोगों को याद होगा जब सोनिया गांधी ने मोदी जी को मौत का सौदागर कहा था तब एक पत्रकार को उन्होंने एक वाक्य बोला था कि सोनिया जी की हिन्दी अच्छी नहीं हैं उन्होंने उन्हें मौत का नहीं
"मत का सौदागर"
बोला था आप लोग समझ नहीं पाए और इसके बाद की कहानी सभी को पता है सोनिया जी नर मादा करते करते राजनीति के हाशिये पर चली गयी...
केशू भाई पटेल, वाघेला, संजय जोशी से लेकर ना जाने कितने राजनितिज्ञ इस शब्दवीर अर्जुन नरेंद्र मोदी के तुणीर में रखे शब्द बाणों से खेत रहे और उन्हें अपने राजनैतिक निधन का एहसास तक ना हुआ...
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*उन्होंने रेणुका चौधरी की दशकों पुरानी, लाइलाज, नामालूम बीमारी का चन्द सेकण्ड्स में ऐसा इलाज कर दिया है कि अब मुझे नहीं लगता कि इस जन्म में, ठहाकों के ऐसे परनाले कभी उनके मुँह से छूटेंगे,*
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वो महिला अब अकेली होगी तब भी अट्टहास करने से डरेगी..
*शायद वो उस दिन आखिरी बार हंसी थी.....*
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