योगापट्टी- थाना क्षेत्र के फतेहपुर पंचायत के लौकरिया धनुषटोली गांव में शनिवार की सुबह प्रधानमंत्री आवास योजना नहीं मिलने पर ग्रामीणों ने सरकारी कर्मचारियों के विरुद्ध जमकर घंटो नारेबाजी की। तथा सुबे की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व जिलाधिकारी प चम्पारण से शीघ्र ही चयनित लाभूको को प्रधानमंत्री आवास दिलाने की मांग की। ग्रामीण चनरदेव महतो ने कहा कि वर्ष 2007 की जनगणना मे उनका नाम गरीबी रेखा मे शामिल है। तथा बीपीएल स्कोर 11 है। बावजूद भी अभी तक प्रधानमंत्री आवास योजना नही मिल सका। उन्होने बताया कि जिस परिवार मै नौकरी है। चार चक्का वाहन के साथ ही पक्का मकान है। वैसे लोगो को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मिल गया। परंतु गरिब, असहाय लोगो को अभी तक लाभ नही मिला। पंचायत के लोगो की माने तो भले ही लाल कार्ड दिया गया। लेकिन उन्हे सरकार की अतिमहत्वाकांक्षी व कल्याणकारी योजना को योगापट्टी प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न पंचायतो मे लाभ नही दी गयी । मुस्मात मुन्नी देवी ने कहा कि कई वर्षों से लाल कार्ड के आलावा सरकार द्वारा चलाए जा रहे सात निश्चय योजन का कुछ लाभ ही नही मिला। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सात निश्चय योजना को लेकर कई बार प्रखंड मुख्यालय की दौड लगाती रही। लेकिन गरीबो की मांग व आवाज कोई पदाधिकारियो ने नही सुनी। साथ ही स्थानिय सांसद व क्षेत्रीय विधायक से भी कही गयी । परंतु सभी ने अनसुनी कर दी । इस संदर्भ मे प्रखंड विकास पदाधिकारी रामानुज कौशिक ने कहा कि लाल कार्ड से नही, बल्कि राशन कार्ड से ही प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ लाभूको मिल सकता है।मौके पर शिवनाथ महतो, निशा देवी, राधिका देवी, बबीता देवी, सोनरपातो देवी, सोनिया देवी, राजा राम यादव आदि लोग उपस्थित रहे ।
क्या मर्द और क्या औरत, सभी की उत्सुकता इस बात को लेकर होती है कि पहली बार सेक्स कैसे हुआ और इसकी अनुभूति कैसी रही। ...हालांकि इस मामले में महिलाओं को लेकर उत्सुकता ज्यादा होती है क्योंकि उनके साथ 'कौमार्य' जैसी विशेषता जुड़ी होती है। दक्षिण एशिया के देशों में तो इसे बहुत अहमियत दी जाती है। इस मामले में पश्चिम के देश बहुत उदार हैं। वहां न सिर्फ पुरुष बल्कि महिलाओं के लिए भी कौमार्य अधिक मायने नहीं रखता। महिला ने कहा- मैं चाहती थी कि एक बार यह भी करके देख लिया जाए और जब तक मैंने सेक्स नहीं किया था तब तो सब कुछ ठीक था। पहली बार सेक्स करते समय मैं बस इतना ही सोच सकी- 'हे भगवान, कितनी खुशकिस्मती की बात है कि मुझे फिर कभी ऐसा नहीं करना पड़ेगा।' उनका यह भी कहना था कि इसमें कोई भी तकलीफ नहीं हुई, लेकिन इसमें कुछ अच्छा भी नहीं था। पहली बार कुछ ठीक नहीं लगा, लेकिन वर्जीनिया की एक महिला का कहन...
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