भारत में मजदूर दिवस की शुरुआत
भारत में लेबर किसान पार्टी ऑफ हिन्दुस्तान ने 1 मई 1923 को मद्रास में मजदूर दिवस की शुरुआत की थी. हालांकि उस समय इसे मद्रास दिवस के रूप में मनाया जाता था. इस मौके पर पहली बार भारत में आजादी के पहले लाल झंडे का इस्तेमाल किया गया था. मौजूदा समय में भारत समेत दुनिया भर के देशों में मजदूरों के आठ घंटे काम करने का संबंधित कानून बना हुआ है.
मजदूर दिवस का इतिहास
मजदूर दिवस की शुरुआत अमेरिका में 1 मई 1886 को हुई थी. तब अमेरिका के मजदूर संघों ने मिलकर निश्चय किया कि वे 8 घंटे से ज्यादा काम नहीं करेंगे. उस समय मजदूरों से 10-16 घंटे काम कराया जाता था. यही नहीं उन्हें न तो कोई सुविधाएं मिलती थीं और चोट लगने पर किसी तरह के इलाज की व्यवस्था भी नहीं थी. इन सब बातों को लेकर मजदूर संघों ने हड़ताल की. इस हड़ताल के दौरान शिकागो की हेमार्केट में बम ब्लास्ट हुआ. तभी पुलिस ने मजदूरों पर गोली चला दी, जिसमें कई लोगों की मौत हो गई और 100 से ज्यादा घायल हो गए.
भारत में लेबर किसान पार्टी ऑफ हिन्दुस्तान ने 1 मई 1923 को मद्रास में मजदूर दिवस की शुरुआत की थी. हालांकि उस समय इसे मद्रास दिवस के रूप में मनाया जाता था. इस मौके पर पहली बार भारत में आजादी के पहले लाल झंडे का इस्तेमाल किया गया था. मौजूदा समय में भारत समेत दुनिया भर के देशों में मजदूरों के आठ घंटे काम करने का संबंधित कानून बना हुआ है.
मजदूर दिवस का इतिहास
मजदूर दिवस की शुरुआत अमेरिका में 1 मई 1886 को हुई थी. तब अमेरिका के मजदूर संघों ने मिलकर निश्चय किया कि वे 8 घंटे से ज्यादा काम नहीं करेंगे. उस समय मजदूरों से 10-16 घंटे काम कराया जाता था. यही नहीं उन्हें न तो कोई सुविधाएं मिलती थीं और चोट लगने पर किसी तरह के इलाज की व्यवस्था भी नहीं थी. इन सब बातों को लेकर मजदूर संघों ने हड़ताल की. इस हड़ताल के दौरान शिकागो की हेमार्केट में बम ब्लास्ट हुआ. तभी पुलिस ने मजदूरों पर गोली चला दी, जिसमें कई लोगों की मौत हो गई और 100 से ज्यादा घायल हो गए.
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