काले धन के कुबेर का खुलासा: चार साल की सर्विस में रेल इंजीनियर ने बनाई 200 करोड़ की सम्पत्ति, CBI ने दर्ज की FIR
जबलपुर। चार साल की नौकरी के दौरान 200 करोड़ रुपए से अधिक की सम्पत्ति बनाने वाले रेल इंजीनियर वेदप्रकाश श्रीवास्तव, उनकी पत्नी विभा श्रीवास्तव को CBI की टीम ने FIR दर्ज करने के बाद बुधवार को जबलपुर तलब किया। विजय नगर स्थित कार्यालय में दोनों आरोपियों से करीब चार घंटे तक कड़ी पूछताछ की गई। जिसमें सम्पत्तियों की विस्तृत जानकारी के साथ रेल इंजीनियर के तगड़े नेटवर्क के बारे में एक-एक बात की जानकारी ली गई।
गौरतलब है कि CBI ने जबलपुर अधारताल निवासी वेदप्रकाश श्रीवास्तव, जो वर्तमान में वेस्टर्न रेलवे अंतर्गत गुजरात के राजकोट में डिवीजनल इंजीनियर के रूप में पदस्थ हैं। CBI ने वेदप्रकाश के बंगले पर रेड मार कर करोड़ों रुपए की सम्पत्ति से संबंधित महत्वपूर्ण दस्तावेजों के साथ लाखों रुपए की नकदी और ज्वैलरी भी जब्त की थी। इसमें खास बात यह है कि वेदप्रकाश द्वारा अवैध कमाई से सबसे अधिक प्रॉपर्टी जबलपुर में खरीदी गईं हैं, जिनकी कीमत 20 करोड़ रुपए से अधिक है। इसके अलावा मुंबई जैसे महानगर में सम्पत्ति की खरीदी की गई है, जिसके दस्तावेज देखकर CBI टीम चकित रह गई कि हर सम्पत्ति को खरीदते समय प्रॉपर्टी की कीमत मिट्टी मोल दर्शाई गई है, जिसमें बिल्डर्स के साथ मिलकर लाखों रुपए की स्टाम्प ड्यूटी का चूना भी सरकार को लगाया गया है।
एक सवाल, कैसे कमाए अरबों रुपए
जानकार सूत्रों का कहना है कि CBI SP के निर्देश पर नोटिस जारी कर बुधवार को आरोपी वेदप्रकाश श्रीवास्तव, उनकी पत्नी विभा श्रीवास्तव, ससुर विनय वर्मा, साले मधुर खरे और पिता जीपी श्रीवास्तव को विजय नगर स्थित CBI ऑफिस में बुलवाया गया। दोपहर 12 बजे CBI SP ने जांच अधिकारी आरपी सिंह के साथ दस्तावेजों के आधार पर एक ही सवाल बार-बार पूछा कि रेलवे की नौकरी करते समय उन्होंने वर्ष 2012 से 2016 तक के चार वर्षों में उन्होंने अरबों रुपए कैसे कमाए? इस सवाल का एक भी जवाब वे नहीं दे पाए।
किसी को शक न हो इसलिए जबलपुर में बनाई सम्पत्ति
वेदप्रकाश क्योंकि वेस्टर्न रेलवे में कार्यरत थे और किसी को शक न हो इसलिए उन्होंने काली कमाई का उपयोग अपने गृहनगर जबलपुर में प्रॉपर्टी खरीदने में किया। चाहे वो कटंगा हो या फिर नेपियर टाउन, हर जगह उन्होंने दो-दो, तीन-तीन प्रॉपर्टी खरीदी।
पत्नी की लाखों की कमाई पकड़ में आई
वेदप्रकाश की पत्नी विभा श्रीवास्तव ने वर्ष 2016-17 की आयकर रिटर्न में 16 लाख रुपए की आय प्रस्तुत की, तब CBI का माथा ठनका की कुछ तो गड़बड़ है। उन्होंने जब विभा से आय का स्रोत पूछा तो उन्होंने कोचिंग क्लास संचालित करने की बात कहकर CBI टीम को गुमराह करने का प्रयास किया, लेकिन सबूत कुछ न दे पाईं। जांच के दौरान 22 से अधिक बैंक अकाउंट, शेयर, डिबेंचर, एफडी, एलआईसी, म्युचुअल फंड में निवेश करने के दस्तावेज CBI टीम को मिले हैं, जिनकी पड़ताल की जा रही है।
इनका कहना है
FIR के बाद वेदप्रकाश श्रीवास्तव, विभा व अन्य लोगों से करोड़ों रुपए की अघोषित आय व सम्पत्तियों के बारे में कड़ी पूछताछ की गई है, जिसमें कई चौंकाने वाली बातें सामने आईं हैं।
जानकार सूत्रों का कहना है कि CBI SP के निर्देश पर नोटिस जारी कर बुधवार को आरोपी वेदप्रकाश श्रीवास्तव, उनकी पत्नी विभा श्रीवास्तव, ससुर विनय वर्मा, साले मधुर खरे और पिता जीपी श्रीवास्तव को विजय नगर स्थित CBI ऑफिस में बुलवाया गया। दोपहर 12 बजे CBI SP ने जांच अधिकारी आरपी सिंह के साथ दस्तावेजों के आधार पर एक ही सवाल बार-बार पूछा कि रेलवे की नौकरी करते समय उन्होंने वर्ष 2012 से 2016 तक के चार वर्षों में उन्होंने अरबों रुपए कैसे कमाए? इस सवाल का एक भी जवाब वे नहीं दे पाए।
वेदप्रकाश क्योंकि वेस्टर्न रेलवे में कार्यरत थे और किसी को शक न हो इसलिए उन्होंने काली कमाई का उपयोग अपने गृहनगर जबलपुर में प्रॉपर्टी खरीदने में किया। चाहे वो कटंगा हो या फिर नेपियर टाउन, हर जगह उन्होंने दो-दो, तीन-तीन प्रॉपर्टी खरीदी।
वेदप्रकाश की पत्नी विभा श्रीवास्तव ने वर्ष 2016-17 की आयकर रिटर्न में 16 लाख रुपए की आय प्रस्तुत की, तब CBI का माथा ठनका की कुछ तो गड़बड़ है। उन्होंने जब विभा से आय का स्रोत पूछा तो उन्होंने कोचिंग क्लास संचालित करने की बात कहकर CBI टीम को गुमराह करने का प्रयास किया, लेकिन सबूत कुछ न दे पाईं। जांच के दौरान 22 से अधिक बैंक अकाउंट, शेयर, डिबेंचर, एफडी, एलआईसी, म्युचुअल फंड में निवेश करने के दस्तावेज CBI टीम को मिले हैं, जिनकी पड़ताल की जा रही है।
FIR के बाद वेदप्रकाश श्रीवास्तव, विभा व अन्य लोगों से करोड़ों रुपए की अघोषित आय व सम्पत्तियों के बारे में कड़ी पूछताछ की गई है, जिसमें कई चौंकाने वाली बातें सामने आईं हैं।
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