दिल्ली। मुंबई डांस बार मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई स्थगित कर दी है। इस केस की अगली सुनवाई के लिए कोर्ट ने 8 अगस्त की तारीख निधार्रित की है। कोर्ट को महाराष्ट्र सरकार के नए लाइसेंस नियमों पर सुनवाई करनी थी। इससे पहले कोर्ट ने जरूरी शर्तें पूरी करने वाले डांस बार को जल्द लाइसेंस देने के लिए कहा था।
महाराष्ट्र सरकार ने मुंबई डांस बार पर लगाए गए प्रतिबंधों को न्यायसंगत ठहराते हुए कहा था कि ये नियम इन क्षेत्र में काम करने वाली महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान के लिए है। शीर्ष कोर्ट ने इसके पहले 21 सितंबर 2017 को कहा था कि महाराष्ट्र के तीन डांस बार जिसमें सीसीटीवी लगे हुए हैं उसे चालू रखा जा सकता है।
डांस बार मालिकों का ये है दावा,
दरअसल इन मालिकों को किसी भी धार्मिक या शैक्षणिक संस्था से एक किलोमीटर की दूरी पर डांस बार बनाने का आदेश दिया गया था जिसके बाद डांस बार मालिकों ने इस तरह की प्रतिबंध पर आपत्ति जताई है। उन्होंने दावा किया है कि बड़े शहरों में इन नियमों का पालन करना संभव नहीं है। उन्होंने यह भी दावा किया कि 11.30 बजे से डांस बार को बंद करने का एक और प्रतिबंध भेदभावपूर्ण है। जबकि केंद्र सरकार व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को चौबीसों घंटे चलाए जाने की अनुमति दे रखी है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को दो दिन के भीतर आठ डांस बारों को लाइसेंस देने का निर्देश दिया था और उनसे कहा था कि वे उस इलाके के आस-पास अपराधी छवि वाले कर्मचारियों के साथ काम करना बंद कर दें।
महाराष्ट्र सरकार ने मुंबई डांस बार पर लगाए गए प्रतिबंधों को न्यायसंगत ठहराते हुए कहा था कि ये नियम इन क्षेत्र में काम करने वाली महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान के लिए है। शीर्ष कोर्ट ने इसके पहले 21 सितंबर 2017 को कहा था कि महाराष्ट्र के तीन डांस बार जिसमें सीसीटीवी लगे हुए हैं उसे चालू रखा जा सकता है।
डांस बार मालिकों का ये है दावा,
दरअसल इन मालिकों को किसी भी धार्मिक या शैक्षणिक संस्था से एक किलोमीटर की दूरी पर डांस बार बनाने का आदेश दिया गया था जिसके बाद डांस बार मालिकों ने इस तरह की प्रतिबंध पर आपत्ति जताई है। उन्होंने दावा किया है कि बड़े शहरों में इन नियमों का पालन करना संभव नहीं है। उन्होंने यह भी दावा किया कि 11.30 बजे से डांस बार को बंद करने का एक और प्रतिबंध भेदभावपूर्ण है। जबकि केंद्र सरकार व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को चौबीसों घंटे चलाए जाने की अनुमति दे रखी है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को दो दिन के भीतर आठ डांस बारों को लाइसेंस देने का निर्देश दिया था और उनसे कहा था कि वे उस इलाके के आस-पास अपराधी छवि वाले कर्मचारियों के साथ काम करना बंद कर दें।
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