Manba Finance Ltd के रिकवरी के आड मे गुडागर्दी ! कस्टमर ने Manba Finance Ltd के खिलाफ पोलीस मे FIR की मांग की !
Manba Finance Ltd के रिकवरी के आड मे गुडागर्दी !
कस्टमर ने Manba Finance Ltd के खिलाफ पोलीस मे FIR की मांग की !
Manba Finance के रिकवरी डिपार्टमेंट के गुडागर्दी का आलम यह है,की बिना इंटिमेंट किया बिना,कस्टमर की लोन वाली बाईक को चोरो के तरह बाईक को चुरा ले जाते है,Manba Finance के रिकवरी डिपार्टमेंट !
जनता को बताना चाहते है,की रिजर्व बँक ने रिकवरी बँक वालो के लिये, प ह ले से ही कुछ गाईडलाईन दिशा निर्देश दिया गया है।
रिकवरी के आड मे बाईक के साथ मे विश्वनाथ का पर्सनल जॉब का फाईल वाला बैग भी ले गये। Manba Finance के लाहपरवाही के वजह से आज विश्वनाथ के लाईफ मे जो तकलीफ हो रही है। उसका खुलासा हमारी मीडिया को दिये हूवे,इंटरव्ह मे उन्होने खुलासा किया है ।
इस व्हिडिओ को सूनना जरूर एक बार । बाईक ले जाते समय विश्वनाथ को इंटिमेंट भी नही किया गया था। बँक रिकवरी वाले की ला ह प र व ही से केवल विश्वनाथ को नही हर एक नागरिक को रोज यह झेलना पड रहा है। उसका कारण बस इतना ही की कस्टमर को अपना अधिकार पता नही होता है।
रिकवरी के आड मे बाईक के साथ मे विश्वनाथ का पर्सनल जॉब का फाईल वाला बैग भी ले गये। Manba Finance के लाहपरवाही के वजह से आज विश्वनाथ के लाईफ मे जो तकलीफ हो रही है। उसका खुलासा हमारी मीडिया को दिये हूवे,इंटरव्ह मे उन्होने खुलासा किया है ।
इस व्हिडिओ को सूनना जरूर एक बार । बाईक ले जाते समय विश्वनाथ को इंटिमेंट भी नही किया गया था। बँक रिकवरी वाले की ला ह प र व ही से केवल विश्वनाथ को नही हर एक नागरिक को रोज यह झेलना पड रहा है। उसका कारण बस इतना ही की कस्टमर को अपना अधिकार पता नही होता है।
आइए जानते हैं, इसके तहत क्या हैं, हमारे अधिकार है।
बैंकों व रिकवरी एजेंटों के लिए भारतीय रिजर्व बैंक ने दिशा-निर्देश जारी किए हैं। आइए जानते है।
- रिकवरी एजेंट का काम कस्टमर को गाइड कर उसे बैंक के लोन की रकम का भुगतान करने के लिए तैयार करना होता है। वह आपको शारीरिक, मानसिक या किसी और तरह से परेशान नहीं कर सकता। एजेंट अगर रिकवरी के नाम पर गाड़ी छीन लेता है या डराता-धमकाता है तो कस्टमर पुलिस में शिकायत कर सकता है।
- अगर कस्टमर बकाया राशि का भुगतान नहीं करता है और बैंक केस को रिकवरी एजेंट को सौंपना चाहता है तो उसे पहले यह जानकारी कस्टमर को देनी होगी। अगर कस्टमर ने पहले से कोई शिकायत कर रखी है और बैंक ने उस पर कार्रवाई नहीं की है तो रिकवरी एजेंट को केस नहीं सौंपा जा सकता।
- रिकवरी एजेंट का अड्रेस और फोन नंबर कस्टमर को दिया जाना जरूरी है। एजेंट को भी उन्हीं नंबरों से कस्टमर को कॉल करना चाहिए, जो बैंक ने कस्टमर को उपलब्ध कराए हैं। एजेंट को कस्टमर से सुबह 7 से शाम 7 बजे के बीच ही संपर्क करना चाहिए।
- कस्टमर को यह अधिकार है कि वह एजेंट को एक तय वक्त पर फोन करने और मीटिंग के लिए टाइम तय करने को कह सकता है।
- कस्टमर रिकवरी एजेंट से आई-कार्ड और अथॉरिटी लेटर दिखाने की मांग कर सकता है।
* रिकवरी के लिए एजेंट कस्टमर के पड़ोसियों/मित्रों या रिश्तेदारों से संपर्क नहीं कर सकता। - परिवार में कोई दिक्कत आने पर कस्टमर एजेंट को तय किए गए वक्त पर आने या फोन करने से मना कर सकता है।
- रिकवरी एजेंट बनने के लिए सौ घंटों की ट्रेनिंग जरूरी है। उसके पास इस ट्रेनिंग का सटिर्फिकेट होना चाहिए। एजेंट द्वारा की गई गलती के लिए रिकवरी एजेंसी पर बैन लगाया जा सकता है और बार-बार शिकायत मिलने पर बैंक के खिलाफ भी कार्रवाई की जा सकती है।
- बैंक को लोन के भुगतान, देरी होने पर उस पर लगने वाले ब्याज और दूसरी संभावित स्थितियों की जानकारी कस्टमर को देनी चाहिए। विवाद की स्थिति में कस्टमर कहां शिकायत कर सकता है, इसकी जानकारी भी बैंक को देनी चाहिए।
- किसी भी तरह का लोन अग्रीमेंट एक सिविल कॉन्ट्रैक्ट होता है। अगर इसमें गड़बड़ होती है तो सिर्फ सिविल कोर्ट में कानूनी प्रक्रिया की जा सकती है। बैंक रिकवरी एजेंट के जरिए जोर-जबरदस्ती नहीं कर सकते।
- पर्सनल लोन, हाउसिंग लोन और क्रेडिट कार्ड की सीमा अगर 10 लाख से कम है तो बैंक कस्टमर से वसूली के लिए लोक अदालत में केस दर्ज करा सकता है और अगर रकम इससे ज्यादा है तो मामला सिविल कोर्ट में जाएगा।
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