नवनाथ मित्र मंडळ श्री साई गोविंदा पथक,जि.ठाणे
साठे नगर येथे 26/11 शहीद दिवस कार्यक्रम करन्यात आले
सोहबत,रूपेश तुपे,दत्ता काजळे,किशोर ज्योतिक.
हमारी श्रद्धांजलि उन सभी दिवंगत आत्माओं को, जिनकादोष सिर्फ यह था कि उनका कोई दोष नहीं.... उन शहीदोंको जिन्होंने देशवासियों की रक्षा के लिए प्राणों की आहूति दी…
हो गए हैं लोग पागल,
ख़ामख़्वाह आँसू बहाते
एक बेजाँ लाश पर
जबकि पता है
चंद दिन में लाश ये फिर से उठेगी
चलने फिरने बोलने हँसने लगेगी
भागती और दौड़ती ज़िंदा सड़क पर.
जब तलक पर ये नहीं होती है ज़िंदा
लाश ही कहना पड़ेगा
मौत का मातम मनाना ही पड़ेगा.
पर भला वो लोग आख़िर कौन हैं
लाशों के दस्तरख़्वान पर पर बैठे
चिता पर सेंककर ये रोटियाँ
इन बोटियों का नाश्ता करने चले हैं
आँसुओंका जाम भरकर चूमते हैं
मौत के त्यौहार पर ये झूमते हैं.
गिद्ध ही होंगे नहीं इंसान कोई
गिद्ध से भी ये गए गुज़रे हुए हैं
गिद्ध तो मरने तलक आकाश में ही घूमता है
अधमरी लाशोंको खाना इनकी फ़ितरत में नहीं है.
लाश ये सागर किनारे से उठेगी
कुछ दिनों में ही
ये चलकर जाएगी आशिक़ से अपने पूछने
तू कौन सा ओढ़े क़फ़न चेहरा छिपाए,
था छिपा यूँ मुँह चुराकर
मौत का मातम मनाना दूर
मेरी मौत पर तू
फ़ातिहा पढ़ने को भी आया नहीं क्यूँ.
तुझसे बेहतर तो वो नामालूम बंदे थे
तेरे कहने पे नफ़रत दी जिन्हें
तेज़ाब उगला, गालियाँ दी
संग की बारिश भी की उनपर.
मेरा क्या!
मैं तो कितनी बार मरकर भी
नहीं मरती कभी
लेकिन ज़रा उनकी तो सोचो
जिनको नफ़रत से नवाज़ा उम्र भर
उसने हिफ़ाज़त के लिए मेरी
लगा दी जान की बाज़ी
हैं बिखरी लाश उनकी
जो नहीं मेरी तरह दो चार दिन में
चलने फिरने बोलने हँसने लगेगी
भागती और दौड़ती ज़िंदा सड़क पर.
श्री नगर पोलिस स्टेशनचे
Psi सुलभा पाटिल
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