Skip to main content

जमानती और गैर जमानती अपराध जमानती अपराध !

जमानती अपराधों में मारपीट, धमकी, लापरवाही से मौत , लापरवाही से गाड़ी चलाना, जैसे मामले आते हैं। दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) में एक पूरी सूची बनाई गई है। ये वैसे मामले हैं जिसमें तीन साल या उससे कम की सजा हो। सीआरपीसी की धारा 436 के तहत जमानती अपराध में कोर्ट द्वारा जमानत दे दी जाती है। कुछ परिस्थितियों में सीआरपीसी की धारा 169 के तहत थाने से ही जमानत दिए जाने का भी प्रावधान है। गिरफ्तारी होने पर थाने का इंचार्ज बेल बॉन्ड भरवाने के बाद आरोपी को जमानत दे सकता है। देश
जानिए क्या है जमानत? कब और किसे मिलेगी ? कितने हैं इसके प्रकार ?
नई दिल्ली।  कई बार जीवन में इंसान से कोई अपराध हो जाता है या फिर रंजिश के चलते कोई किसी को झूठे मामले में फंसाता है और पुलिस उसे गिरफ्तार कर लेती है। तो ऐसे में उस शख्स को कानून में जमानत लेने का अधिकार दिया गया है। लेकिन ये बात याद रखनी होगी कि कई मामले ऐसे होते हैं जिनमें जमानत मिल सकती है और कई ऐसे जिनमें नहीं मिल सकती। जब कोई इंसान किसी अपराध के कारण जेल जाता है तो उस शख्स को जेल से छुड़वाने के लिए कोर्ट या पुलिस से जो आदेश मिलता है उस आदेश को जमानत या फिर बेल कहते हैं।
bail
बेल के लिए आवेदन करने से पहले ये जानना जरूरी है कि अपराध क्या हुआ है और इसे लेकर जमानत के प्रावधान क्या हैं। कानून के मुताबिक अपराध दो तरह के होते हैं। ये हैं जमानती और गैर जमानती अपराध।
जमानती और गैर जमानती अपराध
जमानती अपराध
जमानती अपराधों में मारपीट, धमकी, लापरवाही से मौत , लापरवाही से गाड़ी चलाना, जैसे मामले आते हैं। दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) में एक पूरी सूची बनाई गई है। ये वैसे मामले हैं जिसमें तीन साल या उससे कम की सजा हो। सीआरपीसी की धारा 436 के तहत जमानती अपराध में कोर्ट द्वारा जमानत दे दी जाती है। कुछ परिस्थितियों में सीआरपीसी की धारा 169 के तहत थाने से ही जमानत दिए जाने का भी प्रावधान है। गिरफ्तारी होने पर थाने का इंचार्ज बेल बॉन्ड भरवाने के बाद आरोपी को जमानत दे सकता है।
गैर जमानती अपराध
गैर जमानती अपराधों में रेप, अपहरण, लूट, डकैती, हत्या, हत्या की कोशिश, गैर इरादतन हत्या, फिरौती के लिए अपहरण जैसे अपराध शामिल हैं। इस तरह के मामलों में अदालत के सामने तथ्य पेश किए जाते हैं और फिर कोर्ट जमानत पर फैसला लेता है। जब कोई शख्स गैर-जमानती अपराध करता है तो मामला मजिस्ट्रेट के सामने जाता है। अगर मजिस्ट्रेट को लगता है कि मामले में फांसी या फिर उम्रकैद तक की सजा हो सकती है तो वो बेल नहीं देता। लेकिन इससे कम सजा के प्रावधान वाले केस में मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट केस की मेरिट के हिसाब से जमानत दे सकता है।

ध्यान देने वाली बात ये है कि सेशन कोर्ट किसी भी मामले में बेल की अर्जी स्वीकार कर सकता है। सेशन कोर्ट में अगर उम्रकैद या फांसी की सजा के प्रावधान वाले केस में सीआरपीसी की धारा-437 के अपवाद का सहारा लेकर जमानत अर्जी लगाई गई हो तो उस आधार पर कई बार जमानत मिल सकती है। लेकिन बता दें ये याचिका कोई महिला या शारीरिक या मानसिक रूप से बीमार व्यक्ति ही लगा सकता है लेकिन बेल देने का आखिरी फैसला कोर्ट का ही होगा।

Comments

Popular posts from this blog

पहले सेक्स की कहानी, महिलाओं की जुबानी.

क्या मर्द और क्या औरत, सभी की उत्सुकता इस बात को लेकर होती है कि पहली बार सेक्स कैसे हुआ और इसकी अनुभूति कैसी रही। ...हालांकि इस मामले में महिलाओं को लेकर उत्सुकता ज्यादा होती है क्योंकि उनके साथ 'कौमार्य' जैसी विशेषता जुड़ी होती है। दक्षिण एशिया के देशों में तो इसे बहुत अहमियत दी जाती है। इस मामले में पश्चिम के देश बहुत उदार हैं। वहां न सिर्फ पुरुष बल्कि महिलाओं के लिए भी कौमार्य अधिक मायने नहीं रखता।                                                        महिला ने कहा- मैं चाहती थी कि एक बार यह भी करके देख लिया जाए और जब तक मैंने सेक्स नहीं किया था तब तो सब कुछ ठीक था। पहली बार सेक्स करते समय मैं बस इतना ही सोच सकी- 'हे भगवान, कितनी खु‍शकिस्मती की बात है कि मुझे फिर कभी ऐसा नहीं करना पड़ेगा।' उनका यह भी कहना था कि इसमें कोई भी तकलीफ नहीं हुई, लेकिन इसमें कुछ अच्छा भी नहीं था। पहली बार कुछ ठीक नहीं लगा, लेकिन वर्जीनिया की एक महिला का कहना था कि उसने अपना कौमार्य एक ट्रैम्पोलाइन पर खोया। ट्रैम्पोलाइन वह मजबूत और सख्त कैनवास होता है, जिसे ‍स्प्रिंग के सहारे कि

Torrent Power Thane Diva Helpline & Customer Care 24x7 No : 02522677099 / 02522286099 !!

Torrent Power Thane Diva Helpline & Customer Care 24x7 No : 02522677099 / 02522286099 बिजली के समस्या के लिये आप Customer Care 24x7 No : 02522677099 / 02522286099 पर अपनी बिजली से सबंधित शिकायत कर सकते है। या Torrent Power ऑफिस जाकर भी अपनी शिकायत दर्ज करा सकते है। या उनके ईमेल id पर भी शिकायत कर सकते हो। To,                            Ass.Manager Torrent Power Ltd चद्ररगन रेसिटेंसी,नियर कल्पतरु जेवर्ल्स,शॉप नंबर-234, दिवा ईस्ट । consumerforum@torrentpower.com connect.ahd@torrentpower.com

#महाराष्ट्र के मा.मुख्यमंत्री #एकनाथ शिंदे जी,मेरा बेटे #कृष्णा चव्हाण #कर्नाटक से #ठाणे रेलवे पर स्टेशन आते वक़्त लोकल रेल्वे से उसका एक्सीडेंट में मौत होकर 3 साल गुजर जाने पर भी आज तक इस ग़रीब माता पिता को इंसाफ नही मिला हैं !!

#महाराष्ट्र के मा.मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे जी,मेरा बेटे कृष्णा चव्हाण #कर्नाटक से ठाणे रेलवे स्टेशन पर आते वक़्त लोकल रेल्वे से उसका एक्सीडेंट में मौत होकर 3 साल गुजर जाने पर भी आज तक इस ग़रीब माता पिता को इंसाफ नही मिला हैं !! आज तक किसी भी रेलवे के तरफ़ से कोई अधिकारी मेरे बेटे के ट्रेन एक्सीडेंट लेकर या कोर्ट केस से संबधित कोई भी इनफार्मेशन मुझे नही दी हैं. मेरे बेटे के मौत को लेकर कोई भी रेलवे डिपार्टमेंट से कानूनी लीगल मदत आज तक नही मिली हैं. #कृष्णा पुनिया चव्हाण को इंसाफ दिलाने के लिए जनता इस न्यूज़ पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें और साथ हीं कमेट्स बॉक्स में अपनी राय रखे !!