स्त्रियों की सहनशक्ति पुरुषों से कई गुनी ज्यादा है। पुरुष की सहनशक्ति न के बराबर है। लेकिन पुरुष एक ही शक्ति का हिसाब लगाता रहता है, वह है मसल्स की। क्योंकि वह बड़ा पत्थर उठा लेता है, इसलिए वह सोचता रहा है कि मैं शक्तिशाली हूं। लेकिन बड़ा पत्थर अकेला आयाम अगर शक्ति का होता तो ठीक है, सहनशीलता भी बड़ी शक्ति है- जीवन के दुखों को झेल जाना।
स्त्रियां देर तक जवान रहती हैं, अगर उन्हें दस-पंद्रह बच्चे पैदा न करना पड़ें। तो पुरुष जल्दी बूढ़े हो जाते हैं: स्त्रियां देर तक युवा और ताजी रहती हैं।
लड़कियां पहले बोलना शुरू करती हैं। बुद्धिमत्ता लड़कियों में पहले प्रकट होती है। लड़कियां ज्यादा तेज होती हैं। विश्वविद्यालयों में भी प्रतिस्पर्धा में लड़कियां आगे होती हैं।
जो भी स्त्री आक्रामक होती है वह आकर्षक नहीं होती है। अगर कोई स्त्री तुम्हारे पीछे पड़ जाए और प्रेम का निवेदन करने लगे तो तुम घबरा जाओगे तुम भागोगे। क्योंकि वह स्त्री पुरुष जैसा व्यवहार कर रही है, स्त्रैण नहीं है। स्त्री का स्त्रैण होना, उसका माधुर्य इसी में है कि वह सिर्फ प्रतीक्षा करती है।
वह तुम्हें उकसाती है, लेकिन आक्रमण नहीं करती। वह तुम्हें बुलाती है, लेकिन चिल्लाती नहीं। उसका बुलाना भी बड़ा मौन है। वह तुम्हें सब तरफ से घेर लेती, लेकिन तुम्हें पता भी नहीं चलता। उसकी जंजीरें बहुत सूक्ष्म हैं, वे दिखाई भी नहीं पड़तीं। वह बड़े पतले धागों से, सूक्ष्म धागों से तुम्हें सब तरफ से बांध लेती है, लेकिन उसका बंधन कहीं दिखाई भी नहीं पड़ता।
स्त्रियां देर तक जवान रहती हैं, अगर उन्हें दस-पंद्रह बच्चे पैदा न करना पड़ें। तो पुरुष जल्दी बूढ़े हो जाते हैं: स्त्रियां देर तक युवा और ताजी रहती हैं।
लड़कियां पहले बोलना शुरू करती हैं। बुद्धिमत्ता लड़कियों में पहले प्रकट होती है। लड़कियां ज्यादा तेज होती हैं। विश्वविद्यालयों में भी प्रतिस्पर्धा में लड़कियां आगे होती हैं।
जो भी स्त्री आक्रामक होती है वह आकर्षक नहीं होती है। अगर कोई स्त्री तुम्हारे पीछे पड़ जाए और प्रेम का निवेदन करने लगे तो तुम घबरा जाओगे तुम भागोगे। क्योंकि वह स्त्री पुरुष जैसा व्यवहार कर रही है, स्त्रैण नहीं है। स्त्री का स्त्रैण होना, उसका माधुर्य इसी में है कि वह सिर्फ प्रतीक्षा करती है।
वह तुम्हें उकसाती है, लेकिन आक्रमण नहीं करती। वह तुम्हें बुलाती है, लेकिन चिल्लाती नहीं। उसका बुलाना भी बड़ा मौन है। वह तुम्हें सब तरफ से घेर लेती, लेकिन तुम्हें पता भी नहीं चलता। उसकी जंजीरें बहुत सूक्ष्म हैं, वे दिखाई भी नहीं पड़तीं। वह बड़े पतले धागों से, सूक्ष्म धागों से तुम्हें सब तरफ से बांध लेती है, लेकिन उसका बंधन कहीं दिखाई भी नहीं पड़ता।
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