Skip to main content

जुर्म की दुनिया में क्रांति लाने वाली इस तकनीक को री-कंस्ट्रक्शन ऑफ फेशियल फीचर या सुपर इंपोजिशन टेक्नोलॉजी कहते हैं !

मुंबई पुलिस को एक एक्सप्रेस-वे के किनारे एक लाश मिलती है. खबर मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंचती है. अब यहां तक तो सब ठीक है. पर इसके आगे की जो कहानी है वो मुंबई और देश क्या.. दुनिया की किसी भी पुलिस के ज़हीन से ज़हीन दिमाग़ अफसरों की चूलें हिलाने के लिए काफी है. क्योंकि लाश तो थी. पर चेहरा नहीं. मकतूल है पर नाम नहीं. क़त्ल हुआ पर क़ातिल नहीं.

अब कातिल तक तो पुलिस तब पहुंचे जब पहले मकतूल की पहचान हो. मगर पूरे तीन महीने तक पुलिस उस लाश की पहचान करने की तमाम कोशिश करती रही, लेकिन कामयाबी हाथ नहीं लगी. आखिरकार थक हार कर पुलिस ने खुद ही उस लाश को उसका चेहरा देने का फैसला किया. और इसके साथ ही शुरू होता है ऑपरेशन चेहरा.

हाईवे पर गाड़ियां गुज़र रही थीं. मगर किसी की नज़र उस लाश पर नहीं पड़ी. और जब इस लाश को देखा गया. तो वो देखने के लायक ही नहीं बची थी. बदन पर कपड़े तो थे. मगर पहचान बचाने वाली कोई ऐसी चीज़ नहीं थी. जिससे ये पता चल सके कि मरने वाला कौन था. रही बात चेहरे से पहचान करने की तो उसे खासतौर पर किसी भारी वस्तु से कूच कर और बाद में जलाकर इस बुरी तरह से बिगाड़ा गया था कि कुछ भी पता करना नामुमकिन था.

आसपास के लोगों से पूछताछ की गई. नज़दीकी पुलिस थानों में गुमशुदगी की रिपोर्ट्स खंगाली गई. मोबाइल टॉवर के ज़रिए हाईवे से गुज़रे हर आने जाने वाले का मोबाइल नंबर पता किया गया. कुल मिलाकर लाश की शिनाख्त के लिए मुंबई पुलिस ने तमाम तरीके आज़मा लिए, मगर उसके पल्ले कुछ नहीं पड़ रहा था कि मरने वाला आखिर है कौन.

करीब तीन महीने गुज़रने के बाद पुलिस के सामने अब दो ही रास्ते थे. या तो वो केस को बंद कर दे या फिर किसी ऐसे सुराग का हाथ पर हाथ रख कर इंतज़ार करे जो उसे इस केस में लीड दे सके. लेकिन तभी नवघर पुलिस स्टेशन के सीनियर पुलिस इंस्पेक्टर ने एक आखिरी कोशिश और करने का फैसला किया. ये कोशिश थी फॉरेन्सिक एक्सपर्ट से मदद मांगने की.

मुंबई के किंग एडवर्ड मेमोरियल हॉस्पिटल के फॉरेंसिक डिपार्टमेंट ने नवघर पुलिस स्टेशन के जांच अधिकारी को भरोसा दिलाया कि वो इस बिगड़ चुके चेहरा के पीछे का असली चेहरा वापस बना सकते हैं. यानी जिसका चेहरा कातिलों ने बिगाड़ दिया उसे दोबारा बनाया जा सकता है. आप इन बातों पर हैरान हो सकते हैं. मगर केईएम के फॉरेंसिक डिपार्टमेंट के लिए ये कतई भी नामुमकिन नहीं था. क्योंकि इससे पहले वो ऐसा ही करके ठाणे के एक कातिल को पकड़वा चुके हैं.

केईम हॉस्पिटल में फॉरेंसिक डिपार्टमेंट के डॉ हरीश पाठक ने पुलिस को रीकंस्ट्रक्शन ऑफ फेशियल फीचर के बारे में बताया. जुर्म की दुनिया में क्रांति लाने वाली इस तकनीक को री-कंस्ट्रक्शन ऑफ फेशियल फीचर या सुपर इंपोजिशन टेक्नोलॉजी कहते हैं. आसान ज़ुबान में आप इसे ऐसे समझिए कि इंसानी खोपड़ी की बनावट के आधार पर चेहरे के अलग अलग हिस्से को दुबारा बनाने की कोशिश की जाती है. ताकि मरने वाली पहचान की जा सके.

केईएम हॉस्पिटल का फॉरेंसिक डिपार्टमेंट थाणे में हुए ऐसे ही एक मर्डर केस में पुलिस को लीड दे चुका था. जिसके बाद क़ातिल को बड़ी आसानी से पकड़ लिया गया था. डॉ हरीश पाठक के मुताबिक इंवेस्टीगेशन के लिए लीड देने का यह अच्छा तरीका है.

मुंबई में मुलुंड के ईस्टर्न एक्सप्रेस हाइवे पर 27 जनवरी को बेहद बुरी हालत में मिली लाश का चेहरा बनाने का मामला जब केईएम हॉस्पिटल के फॉरेन्सिक डिपार्टमेंट के सामने आया. जिसका चेहरा बुरी तरह बिगाड़ गया था. तो डिपार्टमेंट के हेड डॉ हरीश पाठक की अगुआई में मरने वाले के चेहरे को दोबारा बनाने के लिए सुपर इंपोजिशन तकनीक का सहारा लिया गया.

एडवांस टेक्नोलॉजी की मदद से फॉरेन्सिक टीम ने मरने वाले का चेहरा री-कंस्ट्रक्ट किया था और उसकी तस्वीर नवघर पुलिस स्टेशन की जांच टीम को भेज दी गई. नवघर पुलिस स्टेशन के सीनियर पुलिस इंस्पेक्टर पुष्कराज सूर्यवंशी ने बताया कि नवघर में मर्डर के दौरान मरने वाले का चेहरा बिगाड़ दिया गया था. उसकी पहचान के लिए हमने इस तकनीक का सहारा लिया. फॉरेंसिक डिपार्टमेंट के डॉ हरीश पाठक कहते हैं कि इस तकनीक पर कोई सवाल नहीं उठाया जा सकेगा.

अब नवघर पुलिस के पास मुलुंड के ईस्टर्न एक्सप्रेस हाइवे के नज़दीक मिली अंजान लाश का चेहरा था. जिसकी तस्वीर मुंबई और आसपास के इलाकों के सभी पुलिस स्टेशनों में भेज दी गई है. साथ ही राज्य पुलिस के मुख्य कंट्रोल के पास भी ये तस्वीर भेजी गई है. उम्मीद है कि पुलिस इस मामले को जल्द सुलझा लेगी.

Comments

Popular posts from this blog

पहले सेक्स की कहानी, महिलाओं की जुबानी.

क्या मर्द और क्या औरत, सभी की उत्सुकता इस बात को लेकर होती है कि पहली बार सेक्स कैसे हुआ और इसकी अनुभूति कैसी रही। ...हालांकि इस मामले में महिलाओं को लेकर उत्सुकता ज्यादा होती है क्योंकि उनके साथ 'कौमार्य' जैसी विशेषता जुड़ी होती है। दक्षिण एशिया के देशों में तो इसे बहुत अहमियत दी जाती है। इस मामले में पश्चिम के देश बहुत उदार हैं। वहां न सिर्फ पुरुष बल्कि महिलाओं के लिए भी कौमार्य अधिक मायने नहीं रखता।                                                        महिला ने कहा- मैं चाहती थी कि एक बार यह भी करके देख लिया जाए और जब तक मैंने सेक्स नहीं किया था तब तो सब कुछ ठीक था। पहली बार सेक्स करते समय मैं बस इतना ही सोच सकी- 'हे भगवान, कितनी खु‍शकिस्मती की बात है कि मुझे फिर कभी ऐसा नहीं करना पड़ेगा।' उनका यह भी कहना था कि इसमें कोई भी तकलीफ नहीं हुई, लेकिन इसमें कुछ अच्छा भी नहीं था। पहली बार कुछ ठीक नहीं लगा, लेकिन वर्जीनिया की एक महिला का कहन...

Torrent Power Thane Diva Helpline & Customer Care 24x7 No : 02522677099 / 02522286099 !!

Torrent Power Thane Diva Helpline & Customer Care 24x7 No : 02522677099 / 02522286099 बिजली के समस्या के लिये आप Customer Care 24x7 No : 02522677099 / 02522286099 पर अपनी बिजली से सबंधित शिकायत कर सकते है। या Torrent Power ऑफिस जाकर भी अपनी शिकायत दर्ज करा सकते है। या उनके ईमेल id पर भी शिकायत कर सकते हो। To,                            Ass.Manager Torrent Power Ltd चद्ररगन रेसिटेंसी,नियर कल्पतरु जेवर्ल्स,शॉप नंबर-234, दिवा ईस्ट । consumerforum@torrentpower.com connect.ahd@torrentpower.com

Veer Sawarkar BMC Hospital Time Table !! वीर सावरकर सरकारी मुलुंड हॉस्पिटल डॉक्टर का टाइम टेबल !!

       !! Swatantrya veer V.D.Sawarkar !! !! BMC Hospital Veer Savarkar Hospital !! Mahatma Phule Road Hanuman Chowk, Mulund East, Hanuman Chowk, Mulund West, Mumbai, Maharashtra 400081 Open now:    Open 24 hours mcgm.gov.in 022 2163 6225