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मालवांचल ग्रुप इंडिया ने निवेशक को डबल पैसे देने के आड मे 200 करोड निवेशक का लेकर फरार !

दिल्ली : छह साल में दोगुने और आठ साल में तीन गुने पैसा मिलने के लालच में आकर लोगों ने करोड़ों रुपये मालवांचल ग्रुप इंडिया लिमिटेड कंपनी में निवेश कर दिए। जब छह साल बाद लोगों को पैसे वापस मिलने थे उसी समय कंपनी अपने ऑफिस बंद करके फरार हो गई। जींद में 3200 लोगों ने इस कंपनी में लगभग तीन करोड़ रुपये का निवेश किया था। कंपनी संचालक बड़े-बड़े होटलों में सेमिनार करके लोगों को अपने जाल में फांसते थे। जो व्यक्ति कंपनी में निवेश करता था, उसे बदले में कंपनी बांड देती थी, जो एक प्रकार की जमीन निवेशक के नाम की गारंटी थी। कंपनी ने लोगों को भारत सरकार से मान्यता प्राप्त होने के कागजात भी दिखाए, जिसके भरोसे लोगों ने कंपनी में निवेश करना शुरू कर दिया।
रोहतक रोड स्थित भगवान नगर निवासी बलराम कौशिक की पहचान रोहतक निवासी सुरेंद्र भारद्वाज से 2011 में हुई। इसके बाद सुरेंद्र भारद्वाज ने उन्हें मालवांचल ग्रुप इंडिया लिमिटेड कंपनी के जीएम दीपक दीक्षित से मिलवाया। 2011 में कंपनी ने रोहतक में अपना ऑफिस खोल दिया। इसके बाद 2011 में ही जींद के उत्सव होटल में एक सेमिनार का आयोजन किया गया। इसमें शहर के सैकड़ों लोगों ने भाग लिया। सेमिनार में कंपनी ने अपनी प्लान लोगों को समझाई तथा कहा कि इसमें एजेंट बनने पर यदि आप कंपनी में अन्य लोगों का पैसा निवेश करवाते हैं तो आपको कमीशन अलग से दिया जाएगा। इस लालच में जींद के 900 लोग कंपनी के एजेंट बन गए। इन लोगों ने पहले तो खुद अपने पैसे निवेश किए उसके बाद अन्य लोगों के पैसे निवेश करवाए। इस प्रकार जींद में एक पूरा नेटवर्क स्थापित हो गया और 3200 लोगों ने इसमें निवेश कर दिया। कंपनी ने इस समय अपना कार्यालय गांधी नगर स्थित स्कीम नंबर 19 में खोल दिया। 2016 में कंपनी ने पूरे प्रदेश से अपने सभी ऑफिस बंद कर दिए और लोगों का पैसा डूब गया।
बैंक से ज्यादा ब्याज देने का दिया लालच
आजकल विभिन्न सरकारी व गैर सरकारी बैंक आठ से साढ़े आठ वर्ष में एफडी पर पैसा दोगुना करते हैं। मालवांचल कंपनी ने लोगों को छह साल में ही डबल पैसे करने का आश्वासन दिया। कंपनी एक हजार रुपये प्रति महीन जमा करवाने पर साढ़े पांच साल में 62500 रुपये जमा करती थी। इसके बाद छह साल में कंपनी डबल पैसे देती थी। यदि कोई निवेशक अपनी पूंजी को आठ साल तक रखता तो उसे तीन गुना पैसे देने का लालच देती थी।
एजेंटों को दिया जाता था मोटा लालच
मालवांचल ग्रुप इंडिया लिमिटेड कंपनी अपने एजेंटों को दूसरे लोगों को फंसाने पर मोटा कमीशन देती थी। जो व्यक्ति डायरेक्ट दूसरे का पैसा निवेश करवाता था उसे कंपनी पांच प्रतिशत देती थी। इसके बाद उसे ऊपर वाले एजेंट को तीन प्रतिशत, उसे ऊपर के व्यक्ति को दो प्रतिशत तक कमिशन दिया जाता था। इस कारण जींद में लगभग इस कंपनी के 500 लोग एजेंट बन गए और उन्होंने 3200 लोगों के रुपये जमा करवा दिए।
कंपनी के एमडी ने छोड़ दी थी सरकारी नौकरी
कंपनी के एमडी माखनलाल वर्मा मूलरूप से मध्य प्रदेश के देवास जिले के नावदा गांव से हैं। माखनलाल वर्मा एक सरकारी अध्यापक था। साथ-साथ वह पीएसीएल कंपनी में भी काम करता था। पीएसीएल कंपनी भी एफडी व आरडी का काम करती थी। माखनलाल वर्मा ने पीएसीएल कंपनी को छोड़कर खुद की ही कंपनी खोलने का फैसला लिया। उसने 2009 में दिल्ली के शक्करपुर में अपनी कंपनी मालवांचल ग्रुप इंडिया लिमिटेड खोल दी। 2009 में उनका संपर्क जींद के बलराम कौशिक से हुआ।
पीएसीएल कंपनी छोड़कर सभी जुड़े मालवांचल ग्रुप इंडिया लिमिटेड से
जींद निवासी बलराम कौशिक पहले पीएसीएल कंपनी में काम करता था। मालवांचल के एमडी माखनलाल वर्मा ने बलराम कौशिक से संपर्क किया। इसके बाद कौशिक ने पीएसीएल कंपनी छोड़ दी। उन्होंने रोहतक के सुरेंद्र भारद्वाज, नारनौल के प्रदीप यादव, लाखनमाजरा के ब्रह्मप्रकाश से संपर्क किया। सभी लोग पीएसीएल कंपनी में काम करते थे। सभी ने पीएसीएल कंपनी छोड़कर मालवांचल में एजेंट के रूप में काम करना शुरू कर दिया। कंपनी ने 2011 में रोहतक में अपना ऑफिस खोला। यहां एक बहुत बड़ा सेमिनार करने के बाद 2013 में जींद में ऑफिस खोल दिया।
प्रदेशभर के एक लाख लोगों का डूबा लगभग 200 करोड़ रुपये
मालवांचल ग्रुप इंडिया लिमिटेड ने फरीदाबाद, नूंह, रेवाड़ी, नारनौल, रोहतक, पानीपत, हिसार, भिवानी व जींद में अपने ऑफिस खोले। पूरे प्रदेश से लगभग एक लाख लोगों ने इस कंपनी में निवेश किया और लगभग 200 करोड़ रुपये लगाए। पूरे प्रदेश में दस हजार लोग इस कंपनी के एजेंट बने। प्रदेशभर के सभी जिलों में निवेशकों ने कंपनी संचालकों के खिलाफ पुलिस को शिकायत सौंपी हुई है। जींद में कंपनी के एमडी माखनलाल वर्मा, संजय वर्मा, सुमन वर्मा, प्रवीण कुमार पटेल, गोपाल पटेल, दीपक दीक्षित के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
यह मामला पुलिस के संज्ञान में आया है। शिकायत के आधार पर आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। जांच में जिसकी भी भूमिका जैसी होगी उसी के आधार पर कानून के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। लोगों को कहीं भी कंपनी में निवेश करने से पहले अच्छी प्रकार से जानकारी ले लेनी चाहिए। इससे उनकी मेहनत की कमाई महफूज रहेगी।
बिजेंद्र सिंह, जांच अधिकारी।

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