जैसे ही तुम रूपांतरित होना शुरू करोगे।
तुम कठिनाई में पड़ोगे।
समाज तो तुम्हारे साथ नहीं बदलेगा।
तुम अकेले पड़ जाओगे।
तुम अजनबी हो जाओगे।
अपनों के बीच पराए।
लोग तुम पर संदेह करने लगेंगे।
तुम सच्चे हो रहे हो,
तुम इन्हें गलत होते हुए मालूम पड़ोगे।
क्योंकि भीड़ गलत है।
तुम्हारे जीवन में आनंद आ रहा है, लेकिन वे समझेंगे कि तुम पागल हो रहे हो।
तुम्हारे जीवन में रोशनी आ रही है।
लेकिन वे समझेंगे कि तुम सम्मोहित हो गए हो। तुम्हारे जीवन में शांति उतर रही है, लेकिन वे हंसेंगे।
क्योंकि हंसी के द्वारा ही वे अपनी आत्मरक्षा कर सकते हैं।
वे तुम्हारा व्यंग्य करेंगे, क्योंकि व्यंग्य ही उनकी सुरक्षा है।
यद्यपि भीड़ उनकी है, बहुमत उनका है।
इसलिए वे जो भी कहेंगे, उसके पीछे भीड़ का बल होगा।
तुम अकेले पड़ जाओगे..........😍
❣ _*ओशो*_ ❣
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तुम कठिनाई में पड़ोगे।
समाज तो तुम्हारे साथ नहीं बदलेगा।
तुम अकेले पड़ जाओगे।
तुम अजनबी हो जाओगे।
अपनों के बीच पराए।
लोग तुम पर संदेह करने लगेंगे।
तुम सच्चे हो रहे हो,
तुम इन्हें गलत होते हुए मालूम पड़ोगे।
क्योंकि भीड़ गलत है।
तुम्हारे जीवन में आनंद आ रहा है, लेकिन वे समझेंगे कि तुम पागल हो रहे हो।
तुम्हारे जीवन में रोशनी आ रही है।
लेकिन वे समझेंगे कि तुम सम्मोहित हो गए हो। तुम्हारे जीवन में शांति उतर रही है, लेकिन वे हंसेंगे।
क्योंकि हंसी के द्वारा ही वे अपनी आत्मरक्षा कर सकते हैं।
वे तुम्हारा व्यंग्य करेंगे, क्योंकि व्यंग्य ही उनकी सुरक्षा है।
यद्यपि भीड़ उनकी है, बहुमत उनका है।
इसलिए वे जो भी कहेंगे, उसके पीछे भीड़ का बल होगा।
तुम अकेले पड़ जाओगे..........😍
❣ _*ओशो*_ ❣
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