शारदा फायन्यास ग्रुप ने 3 साल में खोले 300 ऑफिस ! 20,000 करोड़ रूपये लेकर सारे ऑफिस बंद कर दिए। शारदा चिटफंड स्कैम !
शारदा फायन्यास ग्रुप ने 3 साल में खोले 300 ऑफिस
शारदा फायन्यास ग्रुप ने महज 4 साल में पश्चिम बंगाल के अलावा झारखंड, ओडिसा और नार्थ ईस्ट के राज्यों में अपने 300 ऑफिस खोल लिए। पश्चिम बंगाल की इस कंपनी ने लोगों से 20,000 करोड़ रूपये लेकर सारे ऑफिस बंद कर दिए।
शारदा चिटफंड स्कैम
शारदा स्कैम पश्चिम बंगाल और ममता बनर्जी की पार्टी पर लगा करीब 5 से 6 साल पुराना दाग है जिसे वो और उनकी पार्टी आज भी नहीं धो पाई है। ये राज्य के सबसे बड़े आर्थिक घोटाले के तौर पर जाना जाता है। चिटफंड में घोटाला सामने आने के बाद टीएमसी के कई बड़े नेताओं का नाम जुड़ा। इसदरअसल इस कंपनी पर आरोप लगाए गए हैं कि पैसे ठगने के लिए लोगों से लुभावने वादे किए थे और पैसे को 34 गुना करके वापस करने के लिए कहा गया था।
साल 2013 में सामने आए इस मामले में शारदा कंपनी ने लोगों से 34 गुना फायदा के नाम पर निवेश कराया और पैसा नहीं दे पाए। वहीं इस निवेशकों ने एजेंटो से पैसा मांगा तो कई एंजेटों ने जान दे दी। ये मामला ना केवल बंगाल बल्कि असम, ओडिशा तक पहुंच गया था क्योंकि इन कंपनियों ने यहां भी चिट फंड के नाम पर लोगों को ठगा था।
यह घोटाला इतना बड़ा था कि इसमें 40 हजार करोड़ की हेरा- फेरी की गई थी। साल 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश जारी करते हुए सीबीआई से कहा था कि वो इस मामले की जांच करे। साथ ही कोर्ट ने पश्चिम बंगाल, ओडिशा और असम पुलिस से कहा था कि वो भी जांच में सहयोग दें।
शारदा फायन्यास ग्रुप ने महज 4 साल में पश्चिम बंगाल के अलावा झारखंड, ओडिसा और नार्थ ईस्ट के राज्यों में अपने 300 ऑफिस खोल लिए। पश्चिम बंगाल की इस कंपनी ने लोगों से 20,000 करोड़ रूपये लेकर सारे ऑफिस बंद कर दिए।
शारदा चिटफंड स्कैम
शारदा स्कैम पश्चिम बंगाल और ममता बनर्जी की पार्टी पर लगा करीब 5 से 6 साल पुराना दाग है जिसे वो और उनकी पार्टी आज भी नहीं धो पाई है। ये राज्य के सबसे बड़े आर्थिक घोटाले के तौर पर जाना जाता है। चिटफंड में घोटाला सामने आने के बाद टीएमसी के कई बड़े नेताओं का नाम जुड़ा। इसदरअसल इस कंपनी पर आरोप लगाए गए हैं कि पैसे ठगने के लिए लोगों से लुभावने वादे किए थे और पैसे को 34 गुना करके वापस करने के लिए कहा गया था।
साल 2013 में सामने आए इस मामले में शारदा कंपनी ने लोगों से 34 गुना फायदा के नाम पर निवेश कराया और पैसा नहीं दे पाए। वहीं इस निवेशकों ने एजेंटो से पैसा मांगा तो कई एंजेटों ने जान दे दी। ये मामला ना केवल बंगाल बल्कि असम, ओडिशा तक पहुंच गया था क्योंकि इन कंपनियों ने यहां भी चिट फंड के नाम पर लोगों को ठगा था।
यह घोटाला इतना बड़ा था कि इसमें 40 हजार करोड़ की हेरा- फेरी की गई थी। साल 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश जारी करते हुए सीबीआई से कहा था कि वो इस मामले की जांच करे। साथ ही कोर्ट ने पश्चिम बंगाल, ओडिशा और असम पुलिस से कहा था कि वो भी जांच में सहयोग दें।
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