चौबीस घंटे में राष्ट्रद्रोह की दो FIR, सरकार ने पुलिस की कार्रवाई को लेकर डीजीपी पर मुख्यमंत्री हुए नाराज।
चौबीस घंटे में राष्ट्रद्रोह की दो FIR, सरकार ने पुलिस की कार्रवाई को लेकर डीजीपी पर मुख्यमंत्री हुए नाराज।
रायपुर। सोशल मीडिया पर बिजली कटौती की पोस्ट करने पर राज्य में चौबीस घंटे के भीतर दो लोगों के खिलाफ राष्ट्रद्रोह का मामला दर्ज कराया गया है। हालांकि, अब दोनों मामलों में गिरफ्तार व्यक्तियों को जमानत मिल गई है, लेकिन पुलिस की इस कार्रवाई से राजनीति गरमाई है।
सियासत गरमाने पर शुक्रवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मामलों को वापस लेने का फैसला लिया। उन्होंने पुलिस की कार्रवाई पर डीजीपी डीएम अवस्थी पर नाराजगी जताते हुए दर्ज मामलों को तत्काल वापस लेने का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता लोगों का अधिकार है।
बिजली कटौती को लेकर सोशल मीडिया पर पोस्ट करने का पहला मामला राजनांदगांव और दूसरा महासमुंद जिले में दर्ज किया गया है। सोशल मीडिया पर पोस्ट से मामले दर्ज होने पर शुक्रवार को प्रदेश की राजनीति गरमा गई। भाजपा ने सीधे मुख्यमंत्री को निशाना बनाया। विपक्ष की बयानबाजी के बाद दोपहर दो बजे मुख्यमंत्री ने दोनों मामलों को संज्ञान में लिया।
उन्होंने डीजीपी से बात की और कहा कि इस तरह की कार्रवाई तत्काल रोकी जाए। जहां मामले दर्ज हो चुके हैं, उन्हें तत्काल वापस लिया जाए। मुख्यमंत्री बोले-कांग्रेस और उसकी सरकार अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के प्रबल पक्षधर हैं। जिस तरह की कार्रवाई अभी हुई है, उस तरह का काम प्रदेश की पूर्ववर्ती सरकार करती
स्वतंत्रता के प्रबल पक्षधर हैं। जिस तरह की कार्रवाई अभी हुई है, उस तरह का काम प्रदेश की पूर्ववर्ती सरकार करती
नौ अभियंताओं को निलंबित कर चुके मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री बघेल साफ तौर पर कह चुके हैं कि बिजली गुल नहीं हो रही, गुल की जा रही है। बिजली कंपनी में घुसे संघ और भाजपा के लोग साजिश कर रहे हैं। इस कारण मुख्मयंत्री ने पिछले दिनों सरगुजा प्रवास के दौरान बिजली कंपनी के नौ अभियंताओं को निलंबित भी कर दिया था। इसके बाद भी बिजली गुल होना बंद नहीं हुई, तो मुख्यमंत्री ने बिजली व्यवस्था की कमान कलेक्टरों को सौंप दी। कई जिलों के कलेक्टरों ने बिजली कंपनी के अधिकारियों को सीधे तौर पर चेतावनी दी है कि बिजली कटौती हुई, तो उन्हें बर्खास्त कर दिया जाएगा।
रायपुर। सोशल मीडिया पर बिजली कटौती की पोस्ट करने पर राज्य में चौबीस घंटे के भीतर दो लोगों के खिलाफ राष्ट्रद्रोह का मामला दर्ज कराया गया है। हालांकि, अब दोनों मामलों में गिरफ्तार व्यक्तियों को जमानत मिल गई है, लेकिन पुलिस की इस कार्रवाई से राजनीति गरमाई है।
सियासत गरमाने पर शुक्रवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मामलों को वापस लेने का फैसला लिया। उन्होंने पुलिस की कार्रवाई पर डीजीपी डीएम अवस्थी पर नाराजगी जताते हुए दर्ज मामलों को तत्काल वापस लेने का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता लोगों का अधिकार है।
बिजली कटौती को लेकर सोशल मीडिया पर पोस्ट करने का पहला मामला राजनांदगांव और दूसरा महासमुंद जिले में दर्ज किया गया है। सोशल मीडिया पर पोस्ट से मामले दर्ज होने पर शुक्रवार को प्रदेश की राजनीति गरमा गई। भाजपा ने सीधे मुख्यमंत्री को निशाना बनाया। विपक्ष की बयानबाजी के बाद दोपहर दो बजे मुख्यमंत्री ने दोनों मामलों को संज्ञान में लिया।
उन्होंने डीजीपी से बात की और कहा कि इस तरह की कार्रवाई तत्काल रोकी जाए। जहां मामले दर्ज हो चुके हैं, उन्हें तत्काल वापस लिया जाए। मुख्यमंत्री बोले-कांग्रेस और उसकी सरकार अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के प्रबल पक्षधर हैं। जिस तरह की कार्रवाई अभी हुई है, उस तरह का काम प्रदेश की पूर्ववर्ती सरकार करती
स्वतंत्रता के प्रबल पक्षधर हैं। जिस तरह की कार्रवाई अभी हुई है, उस तरह का काम प्रदेश की पूर्ववर्ती सरकार करती
नौ अभियंताओं को निलंबित कर चुके मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री बघेल साफ तौर पर कह चुके हैं कि बिजली गुल नहीं हो रही, गुल की जा रही है। बिजली कंपनी में घुसे संघ और भाजपा के लोग साजिश कर रहे हैं। इस कारण मुख्मयंत्री ने पिछले दिनों सरगुजा प्रवास के दौरान बिजली कंपनी के नौ अभियंताओं को निलंबित भी कर दिया था। इसके बाद भी बिजली गुल होना बंद नहीं हुई, तो मुख्यमंत्री ने बिजली व्यवस्था की कमान कलेक्टरों को सौंप दी। कई जिलों के कलेक्टरों ने बिजली कंपनी के अधिकारियों को सीधे तौर पर चेतावनी दी है कि बिजली कटौती हुई, तो उन्हें बर्खास्त कर दिया जाएगा।
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