दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को एक याचिका पर सुनवाई करते हुए पुलिस से दिशा-निर्देशों की मांग की, जिसमें पुलिस के उचित व्यवहार को सुनिश्चित करने और पारदर्शी अभियोजन के लिए पुलिस को बॉडी वॉर्न कैमरा से लैस करने के सुझाव हैं। गौरतलब है कि हाल ही में मुखर्जी नगर में एक टेम्पो ड्राइवर और उसके बेटे की पिटाई के मामले में पुलिस पर अतिरिक्त बल प्रयोग का आरोप लगा था। इसके मद्देनजर एक याचिका पर सोमवार को कोर्ट में सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस डीएन पटेल और जस्टिस सी हरिशंकर की पीठ ने गृह मंत्रालय, दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस से वकील और सामाजिक कार्यकर्ता अमित साहनी के रिप्रेजेंटेशन पर विचार करते हुए निर्णय लेने को कहा। हालांकि कोर्ट ने यह भी साफ कर दिया कि वह किसी प्रकार का निर्देश नहीं दे रहा।
क्या मर्द और क्या औरत, सभी की उत्सुकता इस बात को लेकर होती है कि पहली बार सेक्स कैसे हुआ और इसकी अनुभूति कैसी रही। ...हालांकि इस मामले में महिलाओं को लेकर उत्सुकता ज्यादा होती है क्योंकि उनके साथ 'कौमार्य' जैसी विशेषता जुड़ी होती है। दक्षिण एशिया के देशों में तो इसे बहुत अहमियत दी जाती है। इस मामले में पश्चिम के देश बहुत उदार हैं। वहां न सिर्फ पुरुष बल्कि महिलाओं के लिए भी कौमार्य अधिक मायने नहीं रखता। महिला ने कहा- मैं चाहती थी कि एक बार यह भी करके देख लिया जाए और जब तक मैंने सेक्स नहीं किया था तब तो सब कुछ ठीक था। पहली बार सेक्स करते समय मैं बस इतना ही सोच सकी- 'हे भगवान, कितनी खुशकिस्मती की बात है कि मुझे फिर कभी ऐसा नहीं करना पड़ेगा।' उनका यह भी कहना था कि इसमें कोई भी तकलीफ नहीं हुई, लेकिन इसमें कुछ अच्छा भी नहीं था। पहली बार कुछ ठीक नहीं लगा, लेकिन वर्जीनिया की एक महिला का कहना था कि उसने अपना कौमार्य एक ट्रैम्पोलाइन पर खोया। ट्रैम्पोलाइन वह मजबूत और सख्त कैनवास होता है, जिसे स्प्रिंग के सहारे कि
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