रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि बहुत से पति-पत्नी के बीच बहस और यहां तक कि लोगों की निजी बातें सभी कुछ इन रिकॉर्डिंग को सुनने से हमें पता चली हैं.
भाषा वैज्ञानिकों के इस रिपोर्ट पर गूगल ने माना है कि यूजर्स की बातें कंपनी के कर्मचारी सुनते हैं. गुगल ने दावा किया है कि यूजर्स की रिकॉर्डिंग्स इसलिए सुनी जाती है ताकि वॉयस रिकॉग्निशन टेक्नॉलजी को बेहतर किया जा सके. हालांकि इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद एक बार फिर से यूजर्स की निजता और गोपनीयता पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं.
बता दें कि गूगल वॉइस रिकॉग्नाइज टेक्नोलॉजी का यूज आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) सिस्टम से लैस Google Assistant पर करता है. इसका यूज गूगल के स्मार्ट स्पीकर, और एंड्रॉइड स्मार्टफोन पर होता है. बता दें कि ये असिस्टेंट यूजर्स द्वारा दिए वॉइस कमांड को सुनता और उन पर रिस्पॉन्स करता है. इसके साथ ही यूजर्स को न्यूज या वेदर की इंफॉर्मेशन देता है.
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