सिविल जज सी.डि. सुरेशचंद्र ने सीनियर सिटीजन एक्ट की धारा 3, 4 व 5 के बारे में बताते हुए कहा कि धारा 6 में उत्तराधिकारी जहां के रहने वाले है और सीनियर व्यक्ति जहां रहते है। दो जगह वाद दायर कर सकते है। वाद शपथ पत्र के साथ दिया जाएगा। सिटीजन एक्ट की धारा 9 में 10 हजार रुपए तक भरण पोषण देने का प्राविधान है। वरिष्ठ नागरिक भरण पोषण का वाद 125 सीआरपीसी के अंतर्गत भी वाद दायर कर सकते है। धारा 20 में वरिष्ठ नागरिकों को चिकित्सा संबंधित लाभ के बारे में बताया। इस मौके पर सिविल जज जूनियर डि. श्रीपाल ने भी इस एक्ट का लोगों से लाभ उठाने की अपील की।
सिर्फ हाईकोर्ट में फाइल होती है पिटीशन...
सीनियर सिटीजन मेंटिनेंस एक्ट के तहत डीसी की कोर्ट के फैसले के खिलाफ कहीं अपील दायर नहीं होती। बाहर होने वाले बच्चों के पास घर वापसी के लिए हाईकोर्ट में पिटीशन दाखिल करने का अधिकार है। अब हाईकोर्ट के आदेश पर ही उन्हें घर में रहने का अधिकार मिल सकता है।
सीनियर सिटीजन मेंटेनेंस एक्ट- बाप की सेवा न करने वालों को घर खाली करने का आदेश
बच्चों से परेशान पेरेंट्स की तरफ दायर शिकायतों की सुनवाई के बाद सुनाया है।।
जालंधर.मां-बाप की सेवा नहीं करने वाले पांच बच्चों को डीसी वरिंदर कुमार शर्मा ने एक महीने में पेरेंट्स का घर खाली करने का आदेश दिया है। डीसी की कोर्ट ने ये फैसला सीनियर सिटीजन मेंटिनेंस एक्ट के तहत बच्चों से परेशान पेरेंट्स की तरफ दायर शिकायतों की सुनवाई के बाद सुनाया है।।
डीसी ने कहा-कि अगर बच्चे मां-बाप की सेवा नहीं कर सकते, उन्हें खुश नहीं रख सकते तो उन्हें मां-बाप के घर में रहने का भी कोई हक नहीं है। डीसी के पास 50 शिकायतें आई हैं। 30 पेरेंट्स ने बच्चों को दी प्रॉपर्टी वापस लेने के लिए केस किया है। सभी का कहना है कि ये सोचकर प्रॉपर्टी बच्चों को दी थी कि उनकी सेवा करेंगे लेकिन जायदाद लेने के बाद उनके तेवर बदल गए।
Comments