प्रिंट और टीवी पत्रकारिता के साथ ऑनलाइन पत्रकारिता को भी संरक्षण मिलेगा।
पत्रकारों पर हमला करने वालों को और पत्रकारिता की आड़ में अनुचित काम करने वालों को 3 साल तक की सज़ा मिलेगी या 50 हजार का जुर्माना होगा।
हमलावर को पीड़ित के इलाज और मीडिया हाउस के नुकसान का मुआवजा देना होगा।
महाराष्ट्र मीडियापर्सन्स एंड मीडिया इंस्टीट्यूशन्स
(प्रीवेंशन ऑफ वायलेंस एंड डेमेज ऑर लॉस ऑफ प्रॉपर्टी) अधिनियम, 2017' निचले सदन में उस समय पेश किया था। विपक्षी सदस्यों की अनुपस्थिति में इसे बिना चर्चा के पारित कर दिया गया।
सरकारी आंकड़े बता रहे हैं कि पत्रकारों के लिए महाराष्ट्र सबसे खतरनाक प्रदेश बना हुआ है. जेडे हत्याकांड के अलावा अनेकों मामलों में पत्रकार और मीडिया हाउस निशाने पर बने हुए थे। इसी वजह से पिछले 12 साल से राज्य के पत्रकार इस तरह के संरक्षण कानून के लिए संघर्ष कर रहे थे।
वरिष्ठ पत्रकार एसएम देशमुख कहते हैं कि महाराष्ट्र में हर 4 दिन में 1 पत्रकार पर हमला हो रहा है।
सरकारी आंकड़े बता रहे हैं कि पत्रकारों के लिए महाराष्ट्र सबसे खतरनाक प्रदेश बना हुआ है. जेडे हत्याकांड के अलावा अनेकों मामलों में पत्रकार और मीडिया हाउस निशाने पर बने हुए थे। इसी वजह से पिछले 12 साल से राज्य के पत्रकार इस तरह के संरक्षण कानून के लिए संघर्ष कर रहे थे।
वरिष्ठ पत्रकार एसएम देशमुख कहते हैं कि महाराष्ट्र में हर 4 दिन में 1 पत्रकार पर हमला हो रहा है।
हर साल 84 पत्रकारों पर तो इस साल के शुरुआती 3 महीनों में 16 पत्रकारों पर हमले हुए हैं।
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