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Appointment, dismissal, etc.of inferior !! Section 7 !!



Section 7.  
 Appointment, dismissal, etc., of inferior     
2[3[Subject to the provisions of Article 311 of the Constitution, and to such rules as the 1[State Government] may from time to time make under this Act, the Inspector-General, Deputy Inspectors-General, Assistant Inspector-General and District Superintendents of Police may at any time dismiss, suspend or reduce any police-officer of the subordinate ranks] whom they shall think remiss or negligent in the discharge of his duty, or unfit for the same;

4[or may award any one or more of the following punishments to any police-officer 5[of the subordinate ranks] who shall discharge his duty in a careless or negligent manner, or who by any act of his own shall render himself unfit for the discharge thereof, namely: --

(a) fine to any amount not exceeding one months pay;

(b) confinement to quarters for a term not exceeding fifteen days, with or without punishmentdrill, extra guard, fatigue or other duty;

(c) deprivation of good-conduct pay;

(d) removal from any office of distinction or special emolument.]
धारा 7. अवर अधिकारियों की नियुक्ति, बर्खास्तगी आदि 2 [3 [संविधान के अनुच्छेद ३११ के प्रावधानों के अधीन, और १ [राज्य सरकार] जैसे नियम इस अधिनियम के तहत समय-समय पर बना सकते हैं, महानिरीक्षक, उप महानिरीक्षक, सहायक महानिरीक्षक और जिला पुलिस अधीक्षक किसी भी समय अधीनस्थ रैंकों के किसी भी पुलिस-अधिकारी को बर्खास्त, निलंबित या कम कर सकते हैं] जिन्हें वे अपने कर्तव्य के निर्वहन में या तो लापरवाही करेंगे, या उसी के लिए अयोग्य समझेंगे; 4 [या निम्नलिखित में से किसी एक या अधिक दंड को किसी पुलिस-अधिकारी को दे सकता है [अधीनस्थ रैंकों के 5] जो लापरवाही या लापरवाही से अपने कर्तव्य का निर्वहन करेगा, या जो अपने स्वयं के किसी भी कार्य के लिए अयोग्य घोषित करेगा। इसके बाद का निर्वहन, अर्थात्: - (ए) एक महीने के वेतन से अधिक नहीं होने वाली किसी भी राशि के लिए जुर्माना; (बी) पंद्रह दिनों से अधिक अवधि के लिए क्वार्टर तक की सजा, सजा या अतिरिक्त ड्यूटी, थकान या अन्य कर्तव्य के साथ या उसके बिना नहीं; (ग) अच्छे आचरण वाले वेतन से वंचित करना; (घ) भेद या विशेष सामंजस्य के किसी भी कार्यालय से हटाना।] ६

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#महाराष्ट्र के मा.मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे जी,मेरा बेटे कृष्णा चव्हाण #कर्नाटक से ठाणे रेलवे स्टेशन पर आते वक़्त लोकल रेल्वे से उसका एक्सीडेंट में मौत होकर 3 साल गुजर जाने पर भी आज तक इस ग़रीब माता पिता को इंसाफ नही मिला हैं !! आज तक किसी भी रेलवे के तरफ़ से कोई अधिकारी मेरे बेटे के ट्रेन एक्सीडेंट लेकर या कोर्ट केस से संबधित कोई भी इनफार्मेशन मुझे नही दी हैं. मेरे बेटे के मौत को लेकर कोई भी रेलवे डिपार्टमेंट से कानूनी लीगल मदत आज तक नही मिली हैं. #कृष्णा पुनिया चव्हाण को इंसाफ दिलाने के लिए जनता इस न्यूज़ पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें और साथ हीं कमेट्स बॉक्स में अपनी राय रखे !!