अधिनियम विधायिका द्वारा बनाये जाते हैं जबकि नियम सरकार द्वारा बनाये जाते हैं.
अधिनियम पारित होने के बाद ही नियम बनाये जाते हैं.
अधिनियम के अंदर नियम आते हैं.
किसी भी अधिनियम को पारित कराने के लिए पहले कुछ प्रस्ताब बनाये जाते हैं जिन्हे ड्राफ्ट कहा जाता है उसके बाद जब वो ड्राफ्ट विधायिका के सामने रखे जाते हैं तो उन्हें हम बिल कहते हैं और जब वो बिल स्वीकार हो जाती है तो उसे पारित किया जाता है जिसे अधिनियम कहा जाता है. और जब अधिनियम बन जाता है तो उसे कैसे चलाया जाये उसके लिए सरकार कुछ नियम बनाती है.
नियम के द्वारा ही कोई अधिनियम को लागू किया जा सकता है.
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