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उच्चतम न्यायालय ने कहा कि पत्रकारिता की आजादी संविधान में प्रदत्त बोलने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार का मूल आधार है !! पीठ ने संविधान के अनुच्छेद 19(1)(ए) में प्रदत्त अभिव्यक्ति के मौलिक अधिकार !!

उच्चतम न्यायालय ने कहा कि पत्रकारिता की आजादी संविधान में प्रदत्त बोलने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार का मूल आधार है और भारत की स्वतंत्रता उस समय तक सुरक्षित है जब तक पत्रकार किसी तरह के दमन की धमकी के बगैर सत्तासीन के सामने अपनी बात रख सकते हैं। न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड़ और न्यायमूर्ति एम आर शाह की पीठ ने रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक अर्नब गोस्वामी की दो याचिकाओं पर सुनाये गये फैसले में मीडिया की आजादी के बारे में यह सख्त टिप्पणियां कीं। अर्नब ने पालघर में दो साधुओं सहित तीन व्यक्तियों की पीट पीट कर हत्या किये जाने की घटना के बारे में अपने कार्यक्रम को लेकर दर्ज प्राथमिकी और निजी शिकायतों में चल रही आपराधिक जांच निरस्त करने के लिये ये याचिकायें दायर की थीं।पीठ ने अर्नब गोस्वामी को आंशिक राहत प्रदान करते हुये शुरूआती प्राथमिकी, जिसकी जांच मुंबई पुलिस कर रही है, के अलावा शेष 14 प्राथमिकी रद कर दीं। साथ ही इस मामले में उन्हें किसी भी तरह की दंडात्मक कार्रवाई से तीन सप्ताह का संरक्षण भी प्रदान कर दिया। हालांकि, पीठ ने इन मामलों की जांच केन्द्रीय जांच ब्यूरो को सौंपने का अर्नब गोस्वामी का अनुरोध ठुकरा दिया। पीठ ने अपने 56 पेज के फैसले में कहा कि एक पत्रकार के खिलाफ एक ही घटना के संबंध में अनेक आपराधिक मामले दायर नहीं किये जा सकते हैं। पीठ ने संविधान के अनुच्छेद 19(1)(ए) में प्रदत्त अभिव्यक्ति के मौलिक अधिकार और आपराधिक मामले की जांच के संबंध में दंड प्रक्रिया संहिता के प्रावधानों का भी जिक्र किया। पीठ ने कहा, ‘‘पत्रकारिता की आजादी संविधान के अनुच्छेद 19(1)(ए) में प्रदत्त संरक्षित अभिव्यक्ति के मौलिक अधिकार का मूल आधार है। याचिकाकर्ता मीडिया से जुड़ा पत्रकार है। संविधान के अनुच्छेद 19(1)(ए) में प्रदत्त अभिव्यक्ति के मौलिक अधिकार का इस्तेमाल करते हुये याचिकाकर्ता ने टेलीविजन पर प्रसारित कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त किये थे। भारत की स्वतंत्रता उस समय तक सुरक्षित है जब तक पत्रकार बगैर किसी भय के सत्ता के सामने अपनी बात रख सकते हैं।’’

Comments

kishore singh said…
Freedom of expression

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पहले सेक्स की कहानी, महिलाओं की जुबानी.

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#महाराष्ट्र के मा.मुख्यमंत्री #एकनाथ शिंदे जी,मेरा बेटे #कृष्णा चव्हाण #कर्नाटक से #ठाणे रेलवे पर स्टेशन आते वक़्त लोकल रेल्वे से उसका एक्सीडेंट में मौत होकर 3 साल गुजर जाने पर भी आज तक इस ग़रीब माता पिता को इंसाफ नही मिला हैं !!

#महाराष्ट्र के मा.मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे जी,मेरा बेटे कृष्णा चव्हाण #कर्नाटक से ठाणे रेलवे स्टेशन पर आते वक़्त लोकल रेल्वे से उसका एक्सीडेंट में मौत होकर 3 साल गुजर जाने पर भी आज तक इस ग़रीब माता पिता को इंसाफ नही मिला हैं !! आज तक किसी भी रेलवे के तरफ़ से कोई अधिकारी मेरे बेटे के ट्रेन एक्सीडेंट लेकर या कोर्ट केस से संबधित कोई भी इनफार्मेशन मुझे नही दी हैं. मेरे बेटे के मौत को लेकर कोई भी रेलवे डिपार्टमेंट से कानूनी लीगल मदत आज तक नही मिली हैं. #कृष्णा पुनिया चव्हाण को इंसाफ दिलाने के लिए जनता इस न्यूज़ पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें और साथ हीं कमेट्स बॉक्स में अपनी राय रखे !!