देश के रक्षक "सरदारो" को बेइज्जत करने लिए एक और जेहाद..
लाल सिंह चड्ढा मे आमिर खान एक मंद-बुद्धि "सरदार" बना है..
मुग़लों और जेहादियों को सरदारों द्वारा बार-बार धूल चटाने वाली घटनाओ से इतिहास भरा पड़ा है किन्तु जरा सोचिए कि इसे मंद-बुद्धि "सरदार" ही क्यों पसंद आया ? कोई अहमद, मोहम्मद या अब्दुल्ला नाम का व्यक्ति क्यों नहीं ?
जिस प्रकार इंदिरा की मृत्यु के बाद सरदारों पर संता-बंता के जोक्स बनते थे, ये आमिर उसी प्रकार सरदारों को बदनाम करना चाहता है..
इस बॉलीवुड गैंग का बस एक ही इलाज है.. पूर्ण बहिष्कार..
लाल सिंह चड्ढा मे आमिर खान एक मंद-बुद्धि "सरदार" बना है..
मुग़लों और जेहादियों को सरदारों द्वारा बार-बार धूल चटाने वाली घटनाओ से इतिहास भरा पड़ा है किन्तु जरा सोचिए कि इसे मंद-बुद्धि "सरदार" ही क्यों पसंद आया ? कोई अहमद, मोहम्मद या अब्दुल्ला नाम का व्यक्ति क्यों नहीं ?
जिस प्रकार इंदिरा की मृत्यु के बाद सरदारों पर संता-बंता के जोक्स बनते थे, ये आमिर उसी प्रकार सरदारों को बदनाम करना चाहता है..
इस बॉलीवुड गैंग का बस एक ही इलाज है.. पूर्ण बहिष्कार..
Comments