भय दिखा कर जबर्दस्ती वसूली करना या कोई धरना की धमकी देकर किसी व्यक्ति या व्यापारी से संपत्ति को ऐठना धारा 385 के अंतर्गत एक दंडनीय अपराध है।
इस धारा के अपराध किसी भी प्रकार से समझौता योग्य नहीं है, यह संज्ञेय एवं अजमानतीय अपराध है। इनकी सुनवाई का अधिकार प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट को हैं। सजा- इस अपराध में दस वर्ष की कारावास और जुर्माने से दण्डित किया जा सकता है।
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