बैंक का कहना है कि 6 माह से अधिक का समय देने का मतलब पूरी तरह से क्रेडिट से जुड़े नियमों भंग करना है !!
जस्टिस अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच ने याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने केंद्र सरकार को एक अक्टूरबर तक हलफनामा दायर करने का समय दिया था और बैंकों से अभी एनपीए घोषित नहीं करने को कहा गया था। सुप्रीम कोर्ट ने 12 अक्तूबर तक नया हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया था। इस मामले की अगली सुनवाई 13 अक्टूबर को होगी।
लोन मोराटोरियम मामले में भारतीय रिजर्व बैंक ( RBI) ने शनिवार को हलफनामा दायर किया। इसके जरिए बैंक ने कहा है कि कोविड-19 महामारी से प्रभावित इलाकों में राहत देना संभव नहीं है। बैंक का कहना है कि 6 माह से अधिक का समय देने का मतलब पूरी तरह से क्रेडिट से जुड़े नियमों भंग करना है। RBI की ओर से दायर हलफनामे में कहा गया है कि दो करोड़ तक के कर्ज के लिए 'ब्याज पर ब्याज' माफ किया जा सकता है, लेकिन इसके अलावा कोई और राहत देना राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था और बैंकिंग क्षेत्र के लिए नुकसानदेह होगा।
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