बॉम्बे हाईकोर्ट की एक फुल बेंच अब इस मुद्दे पर फैसला करने की उम्मीद है कि क्या यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (POCSO) अधिनियम के तहत दोषी पाए गए व्यक्तियों को महाराष्ट्र जेलों के तहत COVID-19 महामारी के मद्देनजर आपातकालीन पैरोल के हकदार हैं।
COVID-19 pandemic under the Maharashtra Prisons (Mumbai Furlough and Parole (Amendment) Rules, 2020.जस्टिस एस.एस.शिंदे और एमएस कार्णिक की खंडपीठ ने महामारी के बीच आपातकालीन पैरोल के मामले में परस्पर विरोधी निर्णय के आलोक में पूर्ण पीठ का संदर्भ दिया। यह मुद्दा तब उठा, जब पीयू सोनाले ने अपने पैरोल की अस्वीकृति को चुनौती देते हुए एक याचिका दायर की, जिसमें उन्हें भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और POCSO अधिनियम के प्रावधानों के तहत नाबालिग से बलात्कार के लिए दोषी ठहराया गया था, जिसके लिए उन्हें 10 की सजा सुनाई गई थी। वर्षों की कैद
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