500 से ज्यादा लापता लोगों को अब तक घर पहुंचा चुके, जो बच्चा बोल-सुन नहीं सकता था, उसका घर भी ढूंढ़ निकाला ! स्टेट क्राइम ब्रांच पंचकूला के Asi राजेश कुमार !!


500 से ज्यादा लापता लोगों को अब तक घर पहुंचा चुके, जो बच्चा बोल-सुन नहीं सकता था, उसका घर भी ढूंढ़ निकाला

राजेश कहते हैं कि मैं ये काम इसलिए कर रहा हूं कि क्योंकि ये मेरा जुनून है। पूरा खर्चा डिपार्टमेंट उठाता है।

स्टेट क्राइम ब्रांच पंचकूला में एएसआई हैं राजेश कुमार, 2013 से लापता लोगों को उनके परिवारों से मिलवाने का काम कर रहे

लॉकडाउन पीरियड में ही 53 लोगों को परिवार तक पहुंचाया, कहते हैं- बिछड़ों को अपनों से मिलवाना ही मेरा जुनून देशभर के चाइल्ड केयर सेंटर्स में फोन करके जुटाते हैं मिसिंग केस की जानकारी

केतुक न बोल सकता है, न सुन सकता है। तीन साल पहले वो अपने परिवार से बिछड़ गया था और तभी से नजफगढ़ (दिल्ली) के आशा चाइल्ड होम में रह रहा था। 4 जनवरी को एक केस के सिलसिले में स्टेट क्राइम ब्रांच पंचकूला के एएसआई राजेश कुमार नजफगढ़ के इस चाइल्ड होम में पहुंचते हैं। चाइल्ड होम की देखरेख करने वाले राहुल राजेश को बताते हैं, ‘हमारे पास एक बच्चा है, जो बोल-सुन नहीं सकता, उसे उसके परिवार से मिलवाना है।’ राजेश केतुक से इशारों में बातचीत करते हैं। कुछ-कुछ डिटेल मिल पाती है। फिर बच्चे का डुप्लीकेट आधार कार्ड अप्लाई किया जाता है।

राजेश आधार सेंटर पर इसे सर्च करवाते हैं तो पता चलता है कि बच्चे का आधार कार्ड तीन बार अपडेट किया गया है। जहां-जहां परिवार रहा, वहां-वहां का एड्रेस अपडेट किया गया। सबसे आखिरी अपडेट मुजफ्फरपुर में हुआ था। फिर राजेश मुज्जफरपुर पुलिस से संपर्क करते हैं और बच्चे की तस्वीर भेजते हैं। थाने से पता चलता है कि केतुक मुज्जफरपुर से ही लापता हुआ है और उसकी लापता होने की रिपोर्ट भी दर्ज करवाई गई है। इसके बाद परिवार से संपर्क किया जाता है और बच्चे को उन्हें सौंप दिया जाता है।

राजेश सिर्फ बच्चोंं को ही नहीं बल्कि परिवार से बिछड़ चुकी लड़कियों, महिलाओं, पुरुषोंं को भी मिलाते हैं।


राजेश कुमार के लिए लापता बच्चों को अपने परिवार से मिलवाने का ये पहला केस नहीं था, बल्कि वो पिछले 7 सालों में 500 से ज्यादा बच्चों, महिलाएं, पुरुषों को उनके परिवार से मिलवा चुके हैं। बिछड़ों को अपनों से मिलवाना ही उनका जुनून है। मार्च से लेकर अगस्त वाले लॉकडाउन पीरियड में ही वो 53 लोगों को उनके परिवारों से मिलवा चुके हैं। आपको लापता बच्चों की जानकारी कैसे मिलती है, और उन्हें कैसे मिलवा पाते हैं? यह पूछने पर राजेश ने बताया कि, मैं 2013 से पंचकूला के स्टेट क्राइम ब्रांच में काम कर रहा हूं। यहां मैं एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग सेल में काम करता हूं।

2013 में जब काम की शुरुआत की थी तो इसके बारे में कुछ पता नहीं था। तब सिर्फ हमारे पास जो केस आते थे, उनकी जानकारी ऊपर पहुंचाते थे। धीरे-धीरे मैंने लापता बच्चों से बातचीत करना शुरू की तो मन में आया कि इनके लिए जरूर कुछ करना चाहिए।

Comments

Popular posts from this blog

Torrent Power Thane Diva Helpline & Customer Care 24x7 No : 02522677099 / 02522286099 !!

न्यूड फोटो देकर सुर्खियों मे आई Sherlyn chopra एक बार फिर से चर्चाओं में .