बॉम्बे हाई कोर्ट ने कहा कि सोसायटी का दोबारा से विकास तभी किया जा सकता है जब सभी सदस्य इसके लिए हामी भर दें !!
अदालत की व्यवस्थाएं
1. मेंटेनेंस सोसायटी की जिम्मेदारी
दिल्ली हाई कोर्ट ने यह व्यवस्था दी कि मेंटेनेंस की जिम्मेदारी सोसायटी की है और इसमें लापरवाही से प्रभावित होने वाले किसी भी शख्स को उसे ही हर्जाना देना होगा।
2. दोबारा विकास तभी जब सभी सदस्य राजी
बॉम्बे हाई कोर्ट ने कहा कि सोसायटी का दोबारा से विकास तभी किया जा सकता है जब सभी सदस्य इसके लिए हामी भर दें। अगर ज्यादातर मेंबर इस विकास के पक्षधर हैं और कोई मेंबर नहीं है तो सोसायटी उसे नजरंदाज नहीं कर सकती।
3. कानूनी वारिस को हक
सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि सोसायटी के किसी मेंबर की अगर मौत हो जाती है तो उसके कानूनी वारिस का उसकी प्रॉपटीर् पर हक होगा।
4. वोट डालना हर मेंबर का हक
सुप्रीम कोर्ट ने व्यवस्था दी है कि सोसायटी के हर मेंबर को वोट देने का हक है, भले ही वे एक ही परिवार के सदस्य हों।
सोसायटी के सदस्यों के हक
- वोट दे सकते हैं और सोसायटी के कामकाज में हिस्सा ले सकते हैं।
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