नये वर्ष की फिकर न करें। नये का कैसे जन्म हो सकता है, इस दिशा में थोड़ी सी बातें सोचें और थोड़े प्रयोग करें !! Osho !!
नये वर्ष की फिकर न करें। नये का कैसे जन्म हो सकता है, इस दिशा में थोड़ी सी बातें सोचें और थोड़े प्रयोग करें। तो तीन बातें मैंने आपसे कहीं। एक तो पुराने को मत खोजें। खोजेंगे तो वह मिल जाएगा, क्योंकि वह है। हर अंगारे में दोनों बातें हैं।
वह भी है जो राख हो गया अंगारा, बुझ गया जो; जो अंगारा बुझ चुका है, जो हिस्सा राख हो गया, वह भी है, और वह अंगारा भी अभी भीतर है जो जल रहा है, जिंदा है; अभी है, अभी बुझ नहीं गया। अगर राख खोजेंगे, राख मिल जाएगी। जिंदगी बड़ी अद्भुत है, उसमें खोजने वालों को सब मिल जाता है। वह आदमी जो खोजने जाता है उसे मिल ही जाता है।
और जो आपको मिल जाता हो, ध्यान से समझ लेना कि आपने खोजा था इसीलिए मिल गया है। और कोई कारण नहीं है उसके मिल जाने का। नया अंगारा भी है, वह भी खोजा जा सकता है। तो पहली बात, पुराने को मत खोजना। कल सुबह से उठ कर थोड़ा एक प्रयोग करके देखें कि पुराने को हम न खोजें।
Comments