प्रहलाद नास्तिक राजा हिरण्यकश्यप के यहां जन्म लेता है,और फिर हिरण्यकश्यप अपनी नास्तिकता सिद्ध करने के लिए प्रहलाद को नदी में डुबोता है,पहाड़ से गिरवाता है,और अंत में अपनी बहन होलिका से पूर्णिमा के दिन जलवाता है। और आश्चर्य तो यही है कि वह सभी जगह बच जाता है,और प्रभु का गुणगान गाता है। और तब से इस देश में होली जालाकर होली का उत्सव मनाते हैं,रंग गुलाल डालते हैं,आनंद मनाते हैं।
प्रहलाद नास्तिक राजा हिरण्यकश्यप के यहां जन्म लेता है,और फिर हिरण्यकश्यप अपनी नास्तिकता सिद्ध करने के लिए प्रहलाद को नदी में डुबोता है,पहाड़ से गिरवाता है,और अंत में अपनी बहन होलिका से पूर्णिमा के दिन जलवाता है। और आश्चर्य तो यही है कि वह सभी जगह बच जाता है,और प्रभु का गुणगान गाता है। और तब से इस देश में होली जालाकर होली का उत्सव मनाते हैं,रंग गुलाल डालते हैं,आनंद मनाते हैं।
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