ज्ञानी लोग किताबों की पूजा करते है,
जबकि अज्ञानी लोग पत्थरों की पूजा करते है।
अज्ञानता से भय पैदा होता है,
भय से अंधविश्वास पैदा होता है,
अंधविश्वास से अंधभक्ति पैदा होती है,
अंधभक्ति से आदमी का विवेक शून्य हो जाता है,
और जिस आदमी का विवेक शून्य हो जाता है,
फिर वह आदमी इंसान नही, मानसिक गुलाम हो जाता है,
इसलिए अज्ञानी नही, ज्ञानी बनो।
अगर आप में गलत को गलत कहने की क्षमता नही है,तो आपकी प्रतिभा व्यर्थ है।
मंदिर जाने वाले लोगों की लंबी कतारें,जिस दिन पुस्तकालय की ओर बढ़ेगी,उस दिन मेरे इस देश को महाशक्ति बनने से कोई रोक नही सकता है।
अगर मरने के बाद भी जीना चाहते हो,
तो एक काम जरूर करना,
पढ़ने लायक कुछ लिख जाना,
या लिखने लायक कुछ कर जाना।
अगर मुझे किसी समुदाय की प्रगति मापनी हो तो,उस समुदाय की महिलाओं ने क्या प्रगति हासिल की है,
में उससे मापता हूं।
चमचे कभी वफादार नही होते है,
और वफादार किसी के चमचे नही होते है।
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