क्या मात्र माँ की मृत्यु के आधार पर पिता को बच्चे की हिरासत का अधिकार है? जानिए हाई कोर्ट का निर्णयहाल ही में, पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने अपने ससुराल से अपने बच्चे की कस्टडी की मांग करने वाली एक पिता की याचिका को खारिज कर दिया है। इस मामले में पत्नी की मौत हो गई थी और पति ने बच्चे की कस्टडी की माँग की थी।
न्यायमूर्ति सुवीर सहगल की खंडपीठ ने याचिका को खारिज कर दिया और कहा कि बच्चे को उसके परिवार से दूर करना बच्चे के सर्वोत्तम हित में नहीं होगा, भले ही पिता प्राकृतिक अभिभावक हो।
याचिकाकर्ता फरवरी 2021 में उच्च न्यायालय चला गया। उस व्यक्ति की पत्नी ने मतभेदों के कारण उसे छोड़ दिया था और 2020 के जुलाई से अपने माता-पिता के साथ रह रही थी। उसका 2020 के दिसंबर में निधन हो गया
कोर्ट के अनुसार, पिता ऐसा कोई भी सबूत रिकॉर्ड पर नहीं लाया है जिससे ये पता चल सके कि वह उस बच्चे की देखभाल कैसे करेगा जिसने स्कूल अभी अभी शुरू किया है। कोर्ट ने कहा कि प्रतिवादी एक संयुक्त परिवार में रह रहे थे और बच्चे की मौसी और चाचा बच्चे की देखभाल कर रहे थे।
बच्चे के मायके वालों ने पहले फैमिली कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था और बच्चे की स्थायी कस्टडी और संरक्षकता की मांग की थी। उन्होंने कहा कि पति उनकी बेटी को परेशान करता था और जब से वह बाहर गई है, उससे संपर्क नहीं किया। उन्होंने यह भी कहा कि पति अलग था और उसने अपनी पत्नी का अंतिम संस्कार करने से भी इनकार कर दिया था।
दलीलें सुनने के बाद, कोर्ट ने कहा कि पति अनर्गल बयान दे रहा था और उसकी बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका खारिज करने योग्य है।
कुलदीप वनाम हरियाणा राज्य
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