Crpc की धारा 125 के तहत दोनों पक्षों के बीच विवाद के निपटारे के लिए आदेश जारी करने वाले मजिस्ट्रेट को अपना आदेश वापस लेने या निरस्त करने का अधिकार है !!
सुप्रीम कोर्ट ने व्यवस्था दी है कि दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 125 के तहत दोनों पक्षों के बीच विवाद के निपटारे के लिए आदेश जारी करने वाले मजिस्ट्रेट को अपना आदेश वापस लेने या निरस्त करने का अधिकार है, बशर्ते संबंधित आदेश की शर्तों का उल्लंघन हो रहा हो। सीआरपीसी की धारा 362 का प्रतिबंध इस आदेश पर लागू नहीं होता। कानून सीआरपीसी की धारा प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट को यह अधिकार प्रदान करती है कि वह किसी व्यक्ति को उसके सामर्थ्य के हिसाब से अपनी पत्नी, बच्चों एवं माता-पिता के लिए मासिक भत्ते के भुगतान का निर्देश दे सकता है।
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