एडवोकेट प्रोटेक्शन बिल की रूपरेखा व ड्रॉफ्ट बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) की सात सदस्यीय कमेटी ने तैयार की है। इसमें 16 धाराएं रखी गई हैं।
प्रस्तावित बिल में वकील तथा उनके परिवार के सदस्यों को किसी प्रकार की क्षति व चोट पहुंचाने की धमकी देना, किसी भी सूचना को जबरन उजागर करने का दबाव देना, पुलिस अथवा किसी अन्य पदाधिकारी से दबाव दिलवाना, वकीलों को किसी केस में पैरवी करने से रोकना, वकील की संपत्ति को नुकसान पहुंचाना, किसी वकील के खिलाफ अपमानजनक शब्द का इस्तेमाल करना जैसे कार्यों को अपराध की श्रेणी में रखा गया है।
ये सभी अपराध गैर जमानती अपराध होंगे। ऐसे अपराध के लिए 6 माह से 5 वर्ष की सजा के साथ-साथ दस लाख रुपये जुर्माना लगाने का भी प्रावधान है। इन अपराधों के लिए पुलिस को 30 दिनों के भीतर अनुसंधान पूरा करना होगा, जिसकी सुनवाई जिला व सत्र न्यायाधीश/अतिरिक्त जिला व सत्र न्यायधीश करेंगे लेकिन अगर कोई वकील अभियुक्त हो तो यह कानून उसपर लागू नहीं होगा।
वकील को सुरक्षा के लिए हाईकोर्ट में आवेदन देना होगा। हाईकोर्ट वकील के आचरण सहित अन्य तथ्यों की जांच कर, जरूरत पड़ने पर स्टेट बार काउंसिल तथा बीसीआई से जानकारी लेकर सुरक्षा देने के बारे में आदेश जारी करेगा।
Comments