!! अखण्ड सनातन समित !!
"मेरे मराठी मित्रों"
नेताओं की जय जयकार करने के पहले याद रखना कि कहीं मुंबई का हाल डेट्राइट जैसा ना हो जाए !
एक बार डेट्राइट के बारे में गूगल पर सर्च कर लेना !
डेट्राइट जो कभी दुनिया का ऑटो कैपिटल था डेट्राइट जहां हर 1 मिनट में 400 कारें बनकर निकलती थी !
डेट्राइट जहां छोटे बड़े लाखों ऑटो पार्ट्स के कारखाने थे जहां सैकड़ों कार बनाने की फैक्ट्रियां थी डेट्राइट के बारे में कभी यह प्रसिद्ध था *कि वहां की ऑटो कंपनियां डेट्राइट एयरपोर्ट और डेट्राइट रेलवे स्टेशन बस स्टेशन पर हमें वर्कर चाहिए का बोर्ड लेकर खड़ी रहती थी* और जैसे ही कोई वर्कर डेट्राइट उतरता था कंपनियों में उसे खींचने की होड़ मच जाती थी !
धीरे-धीरे डेट्राइट एकदम धमधमता शहर बन गया* अमेरिका के विकास का प्रतीक डेट्राइट हुआ करता था !
जमीनों के रेट आसमान पहुंच गए* शहर में हर तरफ चहल-पहल रेस्टोरेंट्स फुल *शॉपिंग कॉन्प्लेक्स फूल* सड़के फूल *लोगों के पास पैसा ही पैसा* लेकिन स्थानीय नेतागिरी क्षेत्रवाद इत्यादि ने डेट्राइट को बर्बाद कर दिया !
कंपनियों से हफ्ता वसूली शुरू हो गई अपने अपने आदमियों को रखने के लिए कंपनियों पर दबाव आना शुरू हो गया !
!! सबसे पहले फोर्ड ने डेट्राइट छोड़ा !!
!! फिर शेवरले ने डेट्राइट छोड़ा !!
!! धीरे-धीरे पूरा डेट्रायट शहर खाली हो गया !!
आज डेट्रायट शहर एक मरघट है *एक मर चुका शहर है* जहां न जमीनों की कोई कीमत है *ना ही मकानों की कोई कीमत* शहर अपने हाल पर रो रहा है *शहर की सड़कें खाली* गलियां खाली !!
इसीलिए कहता हूं मेरे मुंबई के मराठी मित्रों क्षेत्रवाद के चक्कर में एक बार डेट्राइट का इतिहास अवश्य पढ़ लेना !@
अवधेश प्रताप सिंह कानपुर उत्तर प्रदेश
साभार : मोबाईल - 9451221253
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