1- इसका तात्पर्य यह है कि सभी नागरिकों को अपने विचारों और विचारों को स्वतंत्र रूप से व्यक्त करने का अधिकार है।
2- इसमें केवल मुंह के शब्द ही नहीं, बल्कि लेखन, चित्र, चलचित्र, बैनर आदि के माध्यम से भाषण भी शामिल है।
3- बोलने के अधिकार में न बोलने का अधिकार भी शामिल है।
4- भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने माना है कि खेलों में भाग लेना स्वयं की अभिव्यक्ति है और इसलिए, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का एक रूप है।
5- 2004 में सुप्रीम कोर्ट ने माना कि राष्ट्रीय ध्वज फहराना भी इसी आजादी का एक रूप है।
6- इस अनुच्छेद के तहत प्रेस की स्वतंत्रता एक अनुमानित स्वतंत्रता है।
7- इस अधिकार में सूचना तक पहुँचने का अधिकार भी शामिल है क्योंकि यह अधिकार तब व्यर्थ है जब दूसरों को जानने/सुनने से रोका जाता है। इस व्याख्या के अनुसार सूचना का अधिकार (RTI) एक मौलिक अधिकार है।
8- सुप्रीम कोर्ट ने यह भी फैसला सुनाया है कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता जीवन के अधिकार के लिए एक अनिवार्य अधिकार है (अनुच्छेद 21)। ये दोनों अधिकार अलग नहीं बल्कि संबंधित हैं।
9- किसी भी नागरिक की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर प्रतिबंध राज्य की किसी कार्रवाई से उतना ही लगाया जा सकता है जितना कि उसकी निष्क्रियता से। इसका अर्थ यह हुआ कि सभी वर्गों के नागरिकों को इस स्वतंत्रता की गारंटी देने में राज्य की विफलता उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन होगी।
10- अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार में सूचना को संप्रेषित करने, छापने और विज्ञापन देने का अधिकार भी शामिल है।
11- इस अधिकार में व्यावसायिक के साथ-साथ कलात्मक भाषण और अभिव्यक्ति भी शामिल है।
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