( Swami Prem Amod)
आज के इस मतलब की दुनिया मे एक एक रुपये के हिसाब रखने वाले इंसान,अपने मानवता से दिन बे प्रति दिन रोज़ अपनों से दूर होते जा रहे है।
आज हम एक ऐसे ओशो प्रेमी संन्यासी के बारे में बताने जा रहे हे,जिनकी ख़ासियत यह हे,की एक छोटे बच्चे की तरह सरल भी है।
जब जब ओशो के ध्यान शिबिर का आयोजन होता हे,तो सभी ओशो प्रेमी संन्यासी लोगों के लिये,हम सब के प्यारे "भट स्वामीजी" अपने साथ 10 से 15 संन्यासी के लिये "पूरनपोली" या अपने घर में बने "फ़नस का पकौड़े" भी बना हर बार अपने साथ लेकर आते है।
कभी कभी तो "भट स्वामीजी" अपने साथ "कलीगड" या "हापुस आम"भी संन्यासी लोगों को खाने के लिये लेकर आते है।
यह सब खाने की चीज ओशो संन्यासी को ट्रैन में सफ़र करते समय "भट स्वामीजी" बड़े प्यार से संन्यासी को खाने को देते है।
"भट स्वामीजी" अब बैंक से रिटायर्ड होने के बाद पूरे समय ओशो के बताये हुवे मार्ग पर चलने की एक बेहतरीन कोशिश कर रहे है।
"भट स्वामीजी"को सदा ईश्वर स्वस्थ रखें ! हम सब को भी उनके साथ मस्त रखें !! यही शुभकामनाएं मन मे रखते है !!
ओशो प्रेमी "भट स्वामीजी" हमारे साथ सफ़र में हे,तो भूखें रहने की चिंता नही !!
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