👉 श्री गणेश जी से पहली चीज जो सीखने को मिलती है वो है, माता पिता की सेवा। आपको पृथ्वी परिक्रमा की कहानी तो याद ही होगी। गणेश जी जैसा पुत्र जिसको भी मिल जाए, वो माता पिता धन्य हैं।
👉 गणेश जी से दूसरी शिक्षा मिलती है, एकाग्रता। हर काम से पहले गणेश जी का आह्वान औपचारिकतावश नहीं किया जाता। उसके पीछे एक मनोवैज्ञानिक कारण है। कॉरपोरेट्स में एक टर्म बहुत अवश्यमभावी चलता है, वो है चैक लिस्ट। अपने किए जाने वाले काम की चैक लिस्ट होना जरूरी है। गणेश जी का आह्वान वही चैक लिस्ट की एकाग्रता को ध्यान में लाता है। कि सबसे पहले गणपति का ध्यान करें और साथ में क्या क्या काम अभी होने हैं, उसमें क्या क्या सामग्री लगेगी, ये याद कर लें।
👉 गणेश जी से तीसरी सीख मिलती है, आप जैसे हैं, वो सर्वश्रेष्ठ है। पुराणों में गणपति के शरीर, डील डौल चेहरे की जो व्याख्या की गई है, उस रूप में हम स्वयं को या किसी परिजन को देखना पसंद करेंगे? शायद नहीं। गणेश जी यही सिखाते हैं, जो हैं, सर्वश्रेष्ठ हैं।
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