#UCC में #निकाह #हलाला और इद्दत को भी प्रतिबंधित कर दिया गया है. 3 साल की कैद से लेकर 1 लाख तक के जुर्माने का प्रावधान है !!
पहले 👉 87 साल पुराने शरीयत कानून में कहा गया है कि मुस्लिम व्यक्ति अपनी संपत्ति का एक तिहाई हिस्सा किसी को दे सकता है, जबकि बाकी का हिस्सा उसके परिवार को मिलेगा. अगर कोई वसीयत नहीं है तो संपत्ति का बंटवारा कुरान और हदीद में बताए गए नियमों के मुताबिक होगा.
👉 अब : #उत्तराखंड UCC में इसमें भी बदलाव कर दिया गया है. अब जरूरी नहीं है कि अपनी संपत्ति का तिहाई हिस्सा किसी को देना पड़े.
पहले 👉 शरीयत कानून में निकाह-हलाला का प्रावधान है. आसान भाषा में कहें तो यदि कोई #मुस्लिम महिला #तलाक के बाद उसी पुरुष से दूसरी बार शादी करनी चाहती है तो उसे पहले हलाला यानी तीसरे मर्द से शादी करनी होती है.
👉 अब : उत्तराखंड #UCC में #निकाह #हलाला और इद्दत को भी प्रतिबंधित कर दिया गया है. 3 साल की कैद से लेकर 1 लाख तक के जुर्माने का प्रावधान है.
पहले 👉 शरीयत बहु-विवाह की इजाजत है, जबकि भारत में बहु-विवाह यानी पॉलीगेमी प्रतिबंधित है.
👉 अब उत्तराखंड में #यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू होने के बाद मुसलमान बहु-विवाह नहीं कर पाएंगे. आपको बता दें कि अन्य धर्मों में बहु विवाह पहले से प्रतिबंधित है.
पहले 👉 #शरीयत कानून में कहा गया है कि मुस्लिम लड़कियां रजस्वला की उम्र यानी 13 साल की उम्र के बाद शादी के योग्य हो जाती हैं. 13 की उम्र में उनकी शादी की जा सकती है, जबकि भारत में लड़कियों की शादी की उम्र 18 साल है.
👉 अब : उत्तराखंड में भी मुस्लिम समुदाय की लड़कियों की शादी की उम्र 18 और लड़कों की 21 होगी
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