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जस्टिस सीए याचिकाकर्ता से कहा कि "हम यहां नहीं हैं कि क्या वैवाहिक बलात्कारों को दंडित किया जाना चाहिए !!

कहने का अधिकार, किसी भी परिस्थिति में समझौता नहीं हो सकता।" दिल्ली उच्च न्यायालय ने भारत में वैवाहिक बलात्कार के अपराधीकरण की मांग वाली एक याचिका पर सुनवाई करते  जस्टिस सीए याचिकाकर्ता से कहा कि- "हम यहां नहीं हैं कि क्या वैवाहिक बलात्कारों को दंडित किया जाना चाहिए। हम इस सवाल पर हैं कि क्या ऐसी स्थिति में इस व्यक्ति को बलात्कार का दोषी ठहराया जाना चाहिए।"  कोर्ट ने कहा कि ऐसे मामले में गुणात्मक अंतर होता है । आप किसी ऐसे अधिकार का प्रयोग नहीं कर रहे हैं जो आपको सामाजिक या कानूनी रूप से किसी भी रूप में दिया गया है। यहाँ आदमी वही व्यायाम कर रहा है जिसे वह दाम्पत्य मानता है, ठीक है।  अगर विधायिका ने सोचा है कि वैवाहिक संबंधों में गुणात्मक अंतर के कारण, हमें इसे बलात्कार के रूप में वर्गीकृत नहीं करना चाहिए, तो मैं इस सवाल पर नहीं हूं कि इसे दंडित किया जाना चाहिए या नहीं।" जहां पक्ष विवाहित होते हैं और जहां उनकी शादी नहीं होती है । और प्रथम दृष्टया, यह गुणात्मक अंतर उस अपवाद में भूमिका निभा सकता है जिसे सेक्शन 375 में जोड़ा गया है। अगर विधायिका को लगता है कि जहां पार्टि...

3 बड़े और नेक डारेक्टर है,जिनका नाम "अमीर ख़ान","सलमान ख़ान","जावेद अख्तर" साहेब उन लोगो के पास बहुत सारे पैसे भी है !! आप लोग बना डालो यह सारे दंगे पर फ़िल्म !!

  वाजिद जी, यह जो पोस्टर गर्ल के हाथों में जो दंगो की लिस्ट है ना !  हम इंडियन आप सभी को सलाह देते है,की आप के और हम सभी के 3 बड़े और नेक डारेक्टर है,जिनका नाम "अमीर ख़ान","सलमान ख़ान","जावेद अख्तर" साहेब उन लोगो के पास बहुत सारे पैसे भी है।  आप लोग बना डालो यह सारे दंगे पर फ़िल्म !!  "अमीर ख़ान","सलमान ख़ान","जावेद अख्तर" साहेब पर आप लोग दबाब डालो। जिस तरह आप लोग मोदी पर आज तक दबाब डालते आ रहे हो। हम इंडियन को पक्का विश्वास है,की आप लोगो के इस दर्द को पूरा इंसाफ यह 3 बड़े डारेक्टर देंगे !! आख़िर यह 3 बड़े डारेक्टर कब हमारे काम आएंगे ?

हैदराबाद से मुंबई में रतन टाटा को मिलने चल पड़े पैदल !! 100 मजदूर परिवार के हक्क की लड़ाई के लिये !!

100 मजदूर परिवार के हक्क की लड़ाई के लिये 5 लोगों ने हैदराबाद से मुंबई में रतन जी टाटा को मिलने चल पड़े पैदल !! paadyatra started  04/01/22 1)shantanu kumar das 2)Dibyapratap 3)Ashok s 4)Saiyad m 5)mallikarjun mohanta

न्यायपालिका की परीक्षा देकर जज बनने की भी कोशिश कर सकते हैं !!

न्यायपालिका की परीक्षा देकर जज बनने की भी कोशिश कर सकते हैं  !! वर्तमान में इस कोर्स के स्कोप की बात करने की ज़रुरत नहीं है, क्योंकि ट्रेडिशनल अदालती प्रैक्टिस के अलावा कॉरपोरेट वर्ल्ड में, एनजीओ में, बैंकिंग सेक्टर में, सरकार एवं उसके संस्थानों में, स्वतंत्र पत्रकारिता (फ्रीलांस जर्नलिज्म) में, सेना तक में, लॉ फर्म्स के साथ-साथ.न्यायिक सेवा तक में इसका विस्तार है। लॉ की केटेगरी देखें तो मुख्यतः कॉर्पोरेट लॉ, क्रिमिनल लॉ, पेटेंट, एटर्नी, फैमिली लॉ, साइबर लॉ और बैंकिंग लॉ के रूप को गिनाया जा सकता है।  किसी भी विषय में बाद में आप खुद को स्पेशलाइज कर सकते हैं। जैसा कि नाम के साथ ही स्पष्ट है कि पर्टिकुलर फील्ड में आप सम्बंधित क्षेत्र की विशेषज्ञता की हद तक जानकारी लेंगे। खास बात यह भी है कि एलएलबी के बाद एलएलएम और पीएचडी जैसी विशेषज्ञता भी आप हासिल कर सकते हैं और बाद के दिनों में आप न्यायपालिका की परीक्षा देकर जज बनने की भी कोशिश कर सकते हैं।

कोर्ट ने कहा कि तीन महीने की अंतरिम जमानत की अवधि समाप्त होने पर शाहिद बिना किसी चूक के संबंधित जेल अधीक्षक के समक्ष आत्मसमर्पण करेगा।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने अंतरिम जमानत देते हुए कहा: "आवेदक/आरोपी मोहम्मद शाहिद के खिलाफ अपराध और सामग्री में निश्चित रूप से गंभीरता है। हालांकि आवेदक/अभियुक्त की चिकित्सा स्थिति भी सर्वोपरि है।" शाहिद के खिलाफ FIR No: 50/2020 जाफराबाद में आईपीसी की धारा 147, 148, 149, 186, 353, 283, 332, 333, 323, 307, 302, 427, 120B, 34 और 388 सहित आर्म्स एक्ट की धारा 25 और 27 और सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान की रोकथाम अधिनियम की धारा तीन और चार के तहत दर्ज आरोपियों में से एक है।