जाना था हमसे दूर,बहाने बना लिये अब तुमने कितनी दूर, ठिकाने बना लिये !! जाना था हमसे दूर,बहाने बना लिये !! रुख़सत के वक़्त तुमने जो आँसू हमें दिये उन आँसुओं से हमने,फ़साने बना लिये !! अब तुमने कितनी दूर, ठिकाने बना लिये!! जाना था हमसे दूर,बहाने बना लिये !! दिल को मिले जो दाग़ जिगर को मिले जो दर्द उन दौलतों से हमने खज़ाने बना लिये अब तुमने कितनी दूर,ठिकाने बना लिये !! जाना था हमसे दूर,बहाने बना लिये !!
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