* प्रत्येक लोक अधिकारी का निरंतर यह प्रयास होगा कि वह उपधारा (1) के खंड (ख) की अपेक्षाओं के अनुसार, स्वप्रेरणा से, जनता को नियमित अन्तरालों पर संसूचना के विभिन्न साधनों के माध्यम से, जिनके अन्तर्गत इंटरनेट भी है, इतनी अधिक सूचना उपलब्ध कराने के लिये उपाय करे जिससे कि जनता को सूचना प्राप्त करने के लिये इस अधिनियम का कम से कम अवलंब लेना पड़े। * उपधारा (1) के प्रयोजन के लिये, प्रत्येक सूचना को विस्तृत रूप से और ऐसे प्रारूप और रीति में प्रसारित किया जाएगा, जो जनता के लिये सहज रूप से पहुँच योग्य हो। * सभी सामग्री को, लागत प्रभावशीलता, स्थानीय भाषा और उस क्षेत्र में सूचना की अत्यंत प्रभावी पद्धति को ध्यान में रखते हुए, प्रसारित किया जाएगा तथा सूचना, यथास्थिति, केन्द्रीय लोक सूचना अधिकारी या राज्य लोक सूचना अधिकारी के पास इलेक्ट्रॉनिक रूप में संभव सीमा तक निःशुल्क या माध्यम की ऐसी लागत पर या ऐसी मुद्रण लागत कीमत पर, जो विहित की जाए, सहज रूप से पहुँच योग्य होनी चाहिए। * स्पष्टीकरण- उपधारा (3) और उपधारा (4) के प्रयोजनों के लिये, “ प्रसारित ” से सूचना पट्टों, समाचारपत्रों, लो...