Skip to main content

Posts

Showing posts with the label #Gandhi

#गाँधीजयंती पर ओशो का गाँधी और नाथूराम पर विचार !!

महात्मा गांधी के साथ भारत का एक अध्याय समाप्त होता है और नया अध्याय आरंभ होता है। मैं इसलिए नहीं रोया कि वे मर गए। एक दिन तो सभी को मरना ही है। इसमें रोने की कोई बात नहीं है। अस्पताल में बिस्तर पर मरने के बजाए गांधी की मौत मरना कहीं अच्छा है खासकर, भारत में। एक तरह से वह साफ और सुंदर मृत्यु थी। और मैं हत्यारे नाथूराम गोडसे का पक्ष नहीं ले रहा हूं। और उसके लिए मैं नहीं कह सकता कि उसे माफ कर देना क्योंकि उसे पता नहीं कि वह क्या कर रहा है।  उसे अच्छी तरह से पता था कि वह क्या कर रहा है। उसे माफ नहीं किया जा सकता । न ही मैं उस पर कुछ जोर-जबरदस्ती कर रहा हूं बल्कि सिर्फ तथ्यगत हूं। बाद में जब मैं वापस आया तो यह सब मुझे अपने पिताजी को समझाना पड़ा और इसमें कई दिन लग गए। क्योंकि मेरा और गांधी का संबंध बहुत ही जटिल है। सामान्यत: या तो तुम किसी की तारीफ करते हो या नहीं करते हो।  लेकिन मेरे साथ ऐसा नहीं है। और सिर्फ महात्मा गांधी के साथ के साथ ही नहीं। मैं अजीब ही हूं। हर क्षण मुझे यह महसूस होता है। मुझे कोई खास बात किसी कि अच्छी लग सकती है लेकिन उसी समय साथ ही साथ ऐसा कुछ भी हो सकता है ज...