#उच्चतम न्यायालय ने कहा कि किसी भी लोन अकाउंट को फ्रॉड घोषित करना संबंधित कर्जदार को ब्लैकलिस्ट करने के समान है।
#MUMBAI CRIME PAGE :#उच्चतम न्यायालय ने कहा कि किसी भी लोन अकाउंट को फ्रॉड घोषित करना संबंधित कर्जदार को ब्लैकलिस्ट करने के समान है। तेलंगाना हाई कोर्ट ने ऐसी ही एक चुनौती का सामना करते हुए कहा था कि पक्ष रखने का अधिकार नहीं देना कर्जदार के संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है। सुप्रीम कोर्ट भी तेलंगाना हाई कोर्ट की राय से सहमत हुआ है। रिजर्व बैंक के इस मास्टर सर्कुलर को कई अदालतों में चुनौती दी गई थी। तेलंगाना हाई कोर्ट ने ऐसी ही एक चुनौती का सामना करते हुए कहा था कि पक्ष रखने का अधिकार नहीं देना कर्जदार के संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है। सुप्रीम कोर्ट भी तेलंगाना हाई कोर्ट की राय से सहमत हुआ है। रिजर्व बैंक का यह मास्टर सर्कुलर बैंकों को निर्देश देता है कि वे विलफुल डिफॉल्टर्स के लोन अकाउंट्स को फ्रॉड वर्गीकृत करें। पीठ ने इसके अलावा यह भी कहा कि किसी लोन अकाउंट को फ्रॉड घोषित करने के मामले में प्राथमिकी दर्ज कराने से पहले ही इस तरह का कदम उठाने की कोई जरूरत नहीं है। उच्चतम न्यायालय ने कहा कि किसी लोन अकाउंट को फ्रॉड घोषित करना संबंधित कर्जदार को ब्लैकलिस्ट करने के समान है। ...